भारतीय संविधान का अनुच्छेद 72 भारत के राष्ट्रपति को क्षमादान, लघुकरण, प्रविलंबन, विराम और परिहार की शक्ति प्रदान करता है। यह शक्ति विभिन्न दंडों से प्रभावित व्यक्तियों को राहत देने का एक संवैधानिक प्रावधान है, जिसका प्रयोग आमतौर पर मंत्रिपरिषद की सलाह पर किया जाता है। यह शक्ति न्यायिक प्रक्रिया को पूरक करती है और न्याय प्रणाली में मानवीय पक्ष को सुनिश्चित करती है, साथ ही इसका विवेकपूर्ण प्रयोग न्याय की पूर्णता के लिए आवश्यक है।