सिंधु घाटी सभ्यता, लगभग 2600-1900 ईसा पूर्व तक विकसित, अपनी उन्नत शहरी नियोजन, पक्की ईंटों से बनी संरचनाओं और जल प्रबंधन प्रणालियों के लिए जानी जाती है। मोहनजोदड़ो, इस सभ्यता के प्रमुख स्थलों में से एक, 'विशाल स्नानागार' का घर है, जो धार्मिक या अनुष्ठानिक उद्देश्यों के लिए एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक संरचना थी और तत्कालीन उन्नत इंजीनियरिंग का प्रमाण है। विशाल स्नानागार के अलावा, मोहनजोदड़ो से प्राप्त अन्य कलाकृतियाँ और संरचनाएँ, जैसे कि मुहरें और 'नर्तकी' की प्रतिमा, इस सभ्यता की समृद्ध कला, शिल्प और सामाजिक-धार्मिक जीवन की झलकियाँ प्रस्तुत करती हैं।