गुप्त साम्राज्य, जिसे भारतीय इतिहास का स्वर्णिम काल कहा जाता है, तीसरी से छठी शताब्दी ईस्वी तक चला। चंद्रगुप्त प्रथम ने इस साम्राज्य की नींव रखी और 'महाराजाधिराज' जैसी उपाधियों से अपने शाही दर्जे को स्थापित किया, जो उनकी शक्ति का प्रतीक थी। इस काल में कला, साहित्य, विज्ञान और गणित में अभूतपूर्व प्रगति हुई, जिसने भारतीय सभ्यता की महानता को स्थापित किया।