विश्व का सबसे ऊँचा जलप्रपात एंजल फॉल्स (Salto Ángel) है, जो वेनेज़ुएला के कैनाइमा राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है और इसकी ऊँचाई 979 मीटर है। यह जलप्रपात अकाराइमा पर्वत से गिरता है और अपनी दुर्गम स्थिति के कारण एक साहसिक पर्यटन स्थल है, जहाँ तक हवाई जहाज या नाव यात्रा द्वारा पहुँचा जा सकता है। लेख में नियाग्रा, इग्वाजू और विक्टोरिया फॉल्स जैसे अन्य प्रमुख वैश्विक जलप्रपातों का भी उल्लेख है, और जलप्रपातों के निर्माण की भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं और उनके पर्यावरणीय महत्व पर प्रकाश डाला गया है।
मृगनयनी महल, ग्वालियर, जिसे 'खजुराहो की रानी' भी कहा जाता है, 15वीं शताब्दी में तोमर राजा कीरति सिंह द्वारा निर्मित है। यह महल अपनी अनूठी वास्तुकला, रानी मृगनयनी से जुड़ी कथा और खजुराहो के मंदिरों जैसी कामुक मूर्तियों के कारण प्रसिद्ध है। यह ग्वालियर के किले का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और भारतीय कला, संस्कृति तथा इतिहास का एक अनमोल प्रतीक है।
जयपुर, राजस्थान की राजधानी, 'गुलाबी शहर' के नाम से प्रसिद्ध है, जो 1876 में वेल्स के राजकुमार के स्वागत के लिए गुलाबी रंग से रंगा गया था। यह भारत का पहला योजनाबद्ध शहर है, जिसकी स्थापना महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने की थी और यह अपनी अनूठी वास्तुकला, ऐतिहासिक किलों (हवा महल, आमेर किला) और जंतर-मंतर जैसी वेधशालाओं के लिए जाना जाता है। जयपुर अपनी जीवंत संस्कृति, रंगीन बाजारों और स्वादिष्ट राजस्थानी व्यंजनों के लिए भी प्रसिद्ध है और इसे यूनेस्को द्वारा 'विश्व धरोहर शहर' का दर्जा प्राप्त है।
भारत के किले और महल, जैसे आमेर, मेहरानगढ़ और आगरा किला, देश की समृद्ध वास्तुकला, इतिहास और सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक हैं। ये संरचनाएँ विभिन्न राजवंशों की रणनीतिक दूरदर्शिता, कलात्मक कौशल और जीवनशैली को दर्शाती हैं, जिनमें राजपूत और मुगल शैलियों का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। ये ऐतिहासिक स्थल पर्यटन के महत्वपूर्ण केंद्र हैं और भारत की गौरवशाली अतीत की कहानियाँ सुनाते हुए भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य धरोहर हैं।
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भारत के ऐतिहासिक स्मारक देश के हज़ारों वर्षों के समृद्ध इतिहास और सभ्यता के जीवंत प्रमाण हैं। वे सिंधु घाटी से लेकर गुप्त, मध्यकालीन और औपनिवेशिक काल तक के विविध कालखंडों की स्थापत्य कला, सांस्कृतिक मिश्रण और सामाजिक-धार्मिक गाथाओं को दर्शाते हैं। ये स्मारक राष्ट्रीय पहचान, पर्यटन और शिक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, जो हमें अपनी विरासत से जोड़ते हुए भावी पीढ़ियों के लिए ज्ञान और प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं।
भारत के विश्व धरोहर स्थल, जिन्हें यूनेस्को द्वारा मानवता के उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्य के रूप में मान्यता प्राप्त है, देश की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत के संरक्षण में महत्वपूर्ण हैं। ये स्थल अंतरराष्ट्रीय पहचान, संरक्षण सहायता और पर्यटन को बढ़ावा देते हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होती है और भारत की समृद्ध विरासत का वैश्विक स्तर पर प्रदर्शन होता है। वर्तमान में, भारत में 42 विश्व धरोहर स्थल हैं, जिनमें सांस्कृतिक, प्राकृतिक और मिश्रित श्रेणियाँ शामिल हैं, जो भावी पीढ़ियों के लिए देश की अनूठी पहचान और इतिहास को सुरक्षित रखने में सहायक हैं।