भारत में परिसीमन आयोग लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के निर्वाचन क्षेत्रों का निर्धारण करता है, जिसकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति करते हैं। यह आयोग जनसंख्या के आंकड़ों और जनसांख्यिकीय बदलावों के आधार पर निर्वाचन क्षेत्रों का पुन: समायोजन करता है ताकि 'एक व्यक्ति, एक वोट' सिद्धांत का पालन हो सके। परिसीमन आयोग के निर्णय अंतिम होते हैं और उन्हें किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती, जो इसे भारतीय लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण अंग बनाता है।