भारत में राष्ट्रीय साक्षरता मिशन (NLM) 1988 में कार्यात्मक साक्षरता के प्रसार के लिए शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य 15-35 आयु वर्ग के लोगों को पढ़ना-लिखना सिखाना और जीवनोपयोगी कौशल प्रदान करना था, जिसमें महिलाओं की साक्षरता पर विशेष ध्यान दिया गया। NLM ने सहभागी दृष्टिकोण, सामुदायिक भागीदारी और सांस्कृतिक माध्यमों का उपयोग किया, और बाद में इसे अन्य योजनाओं में एकीकृत किया गया, लेकिन इसका प्रभाव आज भी बना हुआ है।