यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों के रूप में मान्यता मिलने से भारत के ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थानों की वैश्विक पहचान बढ़ती है, जिससे पर्यटन में उल्लेखनीय वृद्धि होती है। यह वृद्धि स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करती है, रोजगार के अवसर पैदा करती है और स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा देती है। यह दर्जा इन स्थलों के बेहतर संरक्षण, प्रबंधन और बुनियादी ढाँचे के विकास में भी सहायक होता है, जिससे स्थानीय समुदायों को लाभ होता है।