भारत का अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम डॉ. विक्रम साराभाई के उस दूरदर्शी दर्शन पर आधारित है जिसमें अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग राष्ट्र के विकास और आम नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है। इसरो ने स्वदेशी उपग्रह और प्रक्षेपण यान विकसित करके आत्मनिर्भरता हासिल की है, और संचार, मौसम विज्ञान, कृषि एवं आपदा प्रबंधन जैसी सेवाओं के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। चंद्रयान और मंगलयान जैसे मिशनों ने भारत को वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति के रूप में भी स्थापित किया है।
भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम ने, डॉ. विक्रम साराभाई के दूरदर्शी नेतृत्व में, स्वदेशी उपग्रहों और शक्तिशाली प्रक्षेपण यानों के विकास के माध्यम से आत्मनिर्भरता प्राप्त की है। इसरो ने चंद्रयान और मंगलयान जैसे ऐतिहासिक मिशनों के साथ-साथ संचार और पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों के माध्यम से वैश्विक प्रतिष्ठा अर्जित की है, जिससे भारत एक विश्वसनीय अंतरिक्ष शक्ति के रूप में स्थापित हुआ है। ये उपलब्धियाँ न केवल वैज्ञानिक प्रगति का प्रतीक हैं, बल्कि कृषि, आपदा प्रबंधन और नेविगेशन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देती हैं, और भविष्य में गगनयान जैसे मिशनों से और भी बड़ी ऊंचाइयाँ छूने की तैयारी है।