भारत के राष्ट्रीय प्रतीक देश की पहचान, विरासत और मूल्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो नागरिकों में एकता और गर्व की भावना को बढ़ावा देते हैं। राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगा' के केंद्र में स्थित अशोक चक्र, सम्राट अशोक के सारनाथ स्थित सिंह स्तंभ से लिया गया है और यह धर्म, प्रगति, न्याय व कर्तव्यपरायणता का प्रतीक है। इसकी 24 तीलियाँ जीवन की गतिशीलता और दिन के 24 घंटों को दर्शाती हैं, जो देश को निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर रहने का संदेश देती हैं।
भारत के राष्ट्रीय प्रतीक देश की गौरवशाली विरासत, संवैधानिक आदर्शों और भविष्य की आकांक्षाओं को गहराई से समाहित करते हैं। राष्ट्रीय ध्वज, अशोक स्तंभ, राष्ट्रीय गान और अन्य प्रतीक जैसे बाघ, मोर व कमल, भारत की विविधता में एकता, शक्ति, शांति और नैतिक मूल्यों को दर्शाते हैं। ये प्रतीक सामूहिक रूप से राष्ट्रीय पहचान को मजबूत करते हैं और नागरिकों में गर्व तथा एकजुटता की भावना को बढ़ावा देते हैं, जो एक प्रगतिशील और एकीकृत भारत के निर्माण में सहायक हैं।
भारतीय राष्ट्रीय प्रतीक देश की पहचान, मूल्यों और विरासत को दर्शाते हुए एकता, संप्रभुता और गौरव का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनमें सारनाथ के अशोक स्तंभ से लिया गया राजकीय प्रतीक, पिंगली वेंकय्या द्वारा डिज़ाइन किया गया राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगा', रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित राष्ट्रीय गान 'जन गण मन', और बंकिमचंद्र चटर्जी का राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त, बाघ, मोर, कमल, बरगद, आम और गंगा जैसी प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरें भी भारत के राष्ट्रीय प्रतीक हैं, जो देश की विविधता में एकता को प्रदर्शित करती हैं।