भारत के राजकीय प्रतीक 'अशोक स्तंभ' में दर्शाए गए चार शेरों का क्या महत्व है और इसे किस ऐतिहासिक स्रोत से लिया गया है?
Answer: भारत के राजकीय प्रतीक 'अशोक स्तंभ' में दर्शाए गए चार शेर शक्ति, साहस, आत्मविश्वास और गौरव का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह प्रतीक सारनाथ स्थित सम्राट अशोक के सिंह स्तंभ के शीर्ष भाग से लिया गया है, जिसमें धर्मचक्र के चारों ओर चार एशियाई शेर एक-दूसरे की ओर पीठ करके खड़े हैं।
भारतीय राष्ट्रीय प्रतीक किसी भी राष्ट्र की पहचान, उसके मूल्यों और उसकी समृद्ध विरासत के परिचायक होते हैं। ये प्रतीक देश की एकता, संप्रभुता और गौरव का प्रतिनिधित्व करते हैं। भारत के राष्ट्रीय प्रतीक देश के इतिहास, संस्कृति और आदर्शों को दर्शाते हैं और नागरिकों में राष्ट्रीय भावना जागृत करते हैं। इन्हें विभिन्न सरकारी दस्तावेजों, मुद्राओं और भवनों पर प्रमुखता से इस्तेमाल किया जाता है।भारत का राजकीय प्रतीक सारनाथ में स्थित सम्राट अशोक के सिंह स्तंभ के शीर्ष भाग से लिया गया है। मूल स्तंभ में चार एशियाई शेर एक-दूसरे की ओर पीठ किए हुए खड़े हैं, जिसके नीचे धर्मचक्र (कानून का पहिया) और उसके बाईं ओर एक घोड़ा तथा दाहिनी ओर एक बैल की आकृतियाँ बनी हैं। चक्र के नीचे 'सत्यमेव जयते' (सत्य की ही विजय होती है) मुंडक उपनिषद से लिया गया है, जो देवनागरी लिपि में अंकित है। इसे 26 जनवरी, 1950 को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में अपनाया गया था। यह प्रतीक शक्ति, साहस, आत्मविश्वास और गौरव का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि बैल कड़ी मेहनत और दृढ़ता का तथा घोड़ा गति और ऊर्जा का प्रतीक है।भारत का राष्ट्रीय ध्वज, 'तिरंगा', क्षैतिज आयताकार है, जिसमें केसरिया, सफेद और हरे रंग की तीन समान चौड़ी पट्टियाँ होती हैं। केंद्र में गहरे नीले रंग का एक 24 तीलियों वाला चक्र है, जिसे 'अशोक चक्र' कहते हैं। केसरिया रंग त्याग और बलिदान का, सफेद रंग शांति और सच्चाई का, तथा हरा रंग उर्वरता और समृद्धि का प्रतीक है। अशोक चक्र धर्म और प्रगति का प्रतीक है। इसे पिंगली वेंकय्या ने डिज़ाइन किया था और 22 जुलाई, 1947 को संविधान सभा द्वारा इसे राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया था।भारत का राष्ट्रीय गान 'जन गण मन' है, जिसे रवींद्रनाथ टैगोर ने लिखा था। यह पहली बार 27 दिसंबर, 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था और 24 जनवरी, 1950 को इसे आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय गान के रूप में अपनाया गया। यह भारत की विविधता में एकता का गुणगान करता है। राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' है, जिसे बंकिमचंद्र चटर्जी ने संस्कृत में लिखा था। यह उनके उपन्यास 'आनंद मठ' से लिया गया है और इसने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसे भी 24 जनवरी, 1950 को राष्ट्रीय गान के साथ समान दर्जा दिया गया।भारत में अन्य कई राष्ट्रीय प्रतीक भी हैं जो देश की विशिष्ट पहचान को दर्शाते हैं। इनमें राष्ट्रीय पशु बाघ (शक्ति का प्रतीक), राष्ट्रीय पक्षी मोर (सौंदर्य और कृपा का प्रतीक), राष्ट्रीय फूल कमल (शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक), राष्ट्रीय पेड़ बरगद (दीर्घायु और एकता का प्रतीक), राष्ट्रीय फल आम (समृद्धि और स्वादिष्टता का प्रतीक), राष्ट्रीय नदी गंगा (पवित्रता और जीवनदायिनी का प्रतीक) और राष्ट्रीय कैलेंडर (शक संवत) शामिल हैं। ये सभी प्रतीक भारत की प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत को उजागर करते हैं।
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