द्वितीय विश्व युद्ध में भारत ने ब्रिटिश सेना के लिए लाखों सैनिकों और महत्वपूर्ण आर्थिक संसाधनों का योगदान दिया। हालांकि, भारत की स्वतंत्रता युद्ध में उसके योगदान का सीधा परिणाम नहीं थी, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम के लंबे संघर्ष का फल थी। भारत की युद्धकालीन भूमिका जटिल थी, जिसमें ब्रिटिश शासन के अधीन मजबूरी और स्वतंत्रता संग्राम का समन्वय शामिल था।