भारत छोड़ो आंदोलन 1942 में महात्मा गांधी के 'करो या मरो' के नारे के साथ शुरू हुआ, जिसका उद्देश्य तत्काल ब्रिटिश शासन को समाप्त करना था। क्रिप्स मिशन की विफलता और द्वितीय विश्व युद्ध में भारत की भागीदारी के विरोध में यह एक जन आंदोलन बन गया, जिसमें सभी वर्गों के लोगों ने भाग लिया। हालांकि इसे बलपूर्वक दबाया गया, इसने ब्रिटिश राज की नींव कमजोर कर दी और भारत की स्वतंत्रता की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित हुआ।