भारत में 42 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं, जिनमें सांस्कृतिक, प्राकृतिक और एक 'मिश्रित' श्रेणी (खंगचेंदज़ोंगा राष्ट्रीय उद्यान) शामिल हैं, जो उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्य के मानदंडों को पूरा करते हैं। 'मिश्रित' स्थल वे हैं जो सांस्कृतिक और प्राकृतिक दोनों महत्व रखते हैं, जैसे कि खंगचेंदज़ोंगा जो प्राकृतिक सौंदर्य और स्थानीय बौद्ध संस्कृति का संगम है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और पर्यावरण मंत्रालय जैसी संस्थाएँ इन अमूल्य विरासतों के संरक्षण और प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं ताकि इन्हें भविष्य की पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखा जा सके।