भारत में 42 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं, जिनमें सांस्कृतिक, प्राकृतिक और एक 'मिश्रित' श्रेणी (खंगचेंदज़ोंगा राष्ट्रीय उद्यान) शामिल हैं, जो उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्य के मानदंडों को पूरा करते हैं। 'मिश्रित' स्थल वे हैं जो सांस्कृतिक और प्राकृतिक दोनों महत्व रखते हैं, जैसे कि खंगचेंदज़ोंगा जो प्राकृतिक सौंदर्य और स्थानीय बौद्ध संस्कृति का संगम है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और पर्यावरण मंत्रालय जैसी संस्थाएँ इन अमूल्य विरासतों के संरक्षण और प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं ताकि इन्हें भविष्य की पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखा जा सके।
भारत के ऐतिहासिक स्थल देश की समृद्ध सभ्यता और विविध संस्कृतियों के जीवंत प्रमाण हैं, जो सदियों के इतिहास की कहानियाँ कहते हैं। प्राचीन सिंधु घाटी से लेकर मध्यकालीन साम्राज्यों तक, ये स्मारक वास्तुकला, कला और धार्मिक सहिष्णुता की अद्भुत कहानियाँ कहते हैं। ये स्थल न केवल पर्यटन को बढ़ावा देते हैं बल्कि राष्ट्रीय पहचान और सांस्कृतिक विरासत को भी मजबूत करते हैं, जिन्हें संरक्षित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।
भारत में वर्तमान में 42 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं, जो देश की समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक विविधता को दर्शाते हैं। इनमें प्राचीन अजंता गुफाएँ और भव्य ताजमहल जैसे सांस्कृतिक चमत्कार, तथा काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और सुंदरबन जैसे प्राकृतिक अभयारण्य शामिल हैं। ये स्थल वैश्विक विरासत के संरक्षण, पर्यटन को बढ़ावा देने और भावी पीढ़ियों के लिए भारत की अनमोल धरोहरों को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।