हरित क्रांति ने भारत के खाद्य उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि की, जिसमें यूरिया उर्वरक का महत्वपूर्ण योगदान रहा। हालांकि, यूरिया के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी और जल प्रदूषण जैसी पर्यावरणीय समस्याएं उत्पन्न हुईं। स्थायी कृषि पद्धतियों और संतुलित उर्वरक प्रबंधन की आवश्यकता है ताकि उच्च उपज और पर्यावरण संरक्षण दोनों सुनिश्चित हो सकें।