भारत का राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक है और उसके पास विधेयकों पर हस्ताक्षर करने, न्यायाधीशों की नियुक्ति करने और सेना का सर्वोच्च कमांडर होने जैसे महत्वपूर्ण अधिकार हैं। हालांकि, अधिकांश कार्यकारी शक्तियाँ प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के पास होती हैं, राष्ट्रपति की भूमिका संवैधानिक संकट के दौरान अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। राष्ट्रपति संविधान द्वारा निर्धारित सीमाओं के भीतर ही कार्य करता है और आमतौर पर प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद की सलाह मानता है।