भारत में सैकड़ों भाषाएँ बोली जाती हैं, जिनमें 22 को संविधान में मान्यता प्राप्त है। इन भाषाओं को भाषा-परिवारों (जैसे इंडो-आर्यन, द्रविड़) और भाषा-समूहों में वर्गीकृत किया जाता है। यह भाषा विविधता भारत की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाती है लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी प्रस्तुत करती है।