भारत के राष्ट्रपति के क्या-क्या कार्य और अधिकार हैं?
Answer: भारत के राष्ट्रपति देश के प्रमुख होते हैं और उनके पास कई महत्वपूर्ण कार्य और अधिकार हैं, जिनमें विधेयक पर हस्ताक्षर करना, अध्यादेश जारी करना, संसद का सत्र आहूत करना, न्यायाधीशों की नियुक्ति करना, और देश की रक्षा के लिए सेना का सर्वोच्च कमांडर होना शामिल हैं।
भारत का राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक और संघीय कार्यपालिका का प्रमुख होता है। यह पद मुख्यतः एक आधिकारिक पद है, हालाँकि, राष्ट्रपति के पास कुछ महत्वपूर्ण शक्तियाँ और कार्य भी निहित हैं।राष्ट्रपति के महत्वपूर्ण कार्यों में संसद द्वारा पारित विधेयकों पर हस्ताक्षर करना और उन्हें अधिनियम में परिवर्तित करना शामिल है। वह संसद का सत्र आहूत कर सकता है, और उसे स्थगित या भंग भी कर सकता है (हालांकि लोकसभा को भंग करने का अधिकार प्रधानमंत्री के परामर्श पर होता है)।राष्ट्रपति भारत के सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) और अटॉर्नी जनरल जैसे महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियाँ करता है। वह देश के तीनों सेनाओं का सर्वोच्च कमांडर भी होता है।राष्ट्रपति देश के अंदर और बाहर, भारत का प्रतिनिधित्व करता है। वह अंतर्राष्ट्रीय संधियों और समझौतों पर हस्ताक्षर करता है। यद्यपि, अधिकांश कार्यकारी शक्तियाँ प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के पास निहित होती हैं, राष्ट्रपति की भूमिका, विशेषकर संवैधानिक संकट की स्थिति में, बहुत महत्वपूर्ण होती है।राष्ट्रपति के पास आपातकालीन शक्तियाँ भी हैं, जिनका उपयोग वह राष्ट्रीय आपातकाल, राज्य आपातकाल या वित्तीय आपातकाल की स्थिति में कर सकता है। इन शक्तियों का उपयोग करते हुए वह संविधान में उल्लिखित विशेष अधिकारों का प्रयोग कर सकता है।यह ध्यान रखना आवश्यक है कि भारत के राष्ट्रपति के पास निरंकुश शक्तियाँ नहीं हैं; वह संविधान द्वारा परिभाषित सीमाओं के भीतर ही कार्य करता है। प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद राष्ट्रपति को सलाह देते हैं, और राष्ट्रपति आमतौर पर उनकी सलाह मानता है।
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