Answer: ज़्यूस
प्राचीन यूनान, जिसे हेलेनिक सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है, पश्चिमी सभ्यता की आधारशिलाओं में से एक है। इसकी विरासत कला, वास्तुकला, दर्शन, विज्ञान, राजनीति और खेल सहित मानव संस्कृति के लगभग हर पहलू में फैली हुई है। इसकी उत्पत्ति लगभग 3000 ईसा पूर्व से मानी जाती है और यह सदियों तक विकसित होती रही, जिसमें विभिन्न शहर-राज्यों, जैसे एथेंस और स्पार्टा, ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। यूनानी देवताओं में विश्वास इस सभ्यता का एक अभिन्न अंग था, और इन देवताओं की पूजा के लिए विभिन्न अनुष्ठान और उत्सव आयोजित किए जाते थे।
प्राचीन यूनानियों का धर्म बहुदेववादी था, जिसमें देवताओं का एक विस्तृत पंथ था, जो ओलंपस पर्वत पर निवास करते थे। इनमें से सबसे प्रमुख थे ज़्यूस, देवताओं के राजा और स्वर्ग, बिजली और गरज के देवता। अन्य महत्वपूर्ण देवताओं में हेरा (ज़्यूस की पत्नी और विवाह की देवी), पोसाइडन (समुद्र के देवता), हेडीस (अंडरवर्ल्ड के देवता), एथेना (बुद्धि और युद्ध की देवी), अपोलो (सूर्य, संगीत और भविष्यवाणी के देवता), आर्टेमिस (शिकार और जंगली जानवरों की देवी), एफ्रोडाइट (प्रेम और सौंदर्य की देवी), हेमीज़ (संदेशवाहक देवता), और हेफेस्टस (लोहार और अग्नि के देवता) शामिल थे। इन देवताओं की कहानियाँ, जिन्हें मिथक कहा जाता है, यूनानी साहित्य और कला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
देवताओं का सम्मान करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए, यूनानियों ने विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान, बलिदान और उत्सव आयोजित किए। इनमें से सबसे प्रसिद्ध और स्थायी थे ओलंपिया के खेल, जिन्हें 'ओलंपिक खेल' के नाम से भी जाना जाता है। ये खेल प्राचीन यूनान के चार पैनहेलेनिक (सभी यूनानियों के लिए) खेलों में से सबसे महत्वपूर्ण थे, जिनमें डेल्फी, कोरिंथ और नेमिया के खेल भी शामिल थे। ओलंपिया के खेल मूल रूप से देवताओं के राजा, ज़्यूस के सम्मान में आयोजित किए जाते थे। यह त्यौहार एक धार्मिक उत्सव का हिस्सा था, जिसमें एथलीट ज़्यूस की महिमा के लिए प्रतिस्पर्धा करते थे।
ओलंपिया के खेल पहली बार 776 ईसा पूर्व में आयोजित किए गए माने जाते हैं, हालांकि इसके आयोजन की परंपरा इससे भी पुरानी हो सकती है। ये खेल हर चार साल में ओलंपिया नामक पवित्र स्थान पर आयोजित किए जाते थे, जो एलिस के क्षेत्र में स्थित था। ओलंपिया एक महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र था, जहाँ ज़्यूस का एक विशाल मंदिर और उसकी एक प्रतिष्ठित मूर्ति स्थित थी, जिसे दुनिया के सात अजूबों में से एक माना जाता था। खेलों के दौरान, एक पवित्र शांति ('एकेकेईरिया') की घोषणा की जाती थी, जिसके तहत सभी युद्धरत शहर-राज्यों को खेल देखने और भाग लेने के लिए सुरक्षित मार्ग की गारंटी दी जाती थी।
प्रारंभ में, ओलंपिया के खेलों में केवल एक ही प्रतियोगिता शामिल थी: एक छोटा दौड़, जिसे 'स्टेडियम' कहा जाता था, जो लगभग 192 मीटर (210 गज) लंबा था। समय के साथ, प्रतियोगिताओं की संख्या में वृद्धि हुई, जिसमें दौड़ के अन्य प्रकार, जैसे 'डियाउलोस' (दो स्टेडियम की दौड़), 'डोचोस' (लंबी दूरी की दौड़), कुश्ती, मुक्केबाजी, पैंक्रेएशन (एक मिश्रित मार्शल आर्ट), रथ दौड़, और पंच-कौशल (एक पांच-भाग वाली प्रतियोगिता जिसमें दौड़, लंबी कूद, डिस्कस फेंकना, भाला फेंकना और कुश्ती शामिल थी) शामिल हो गए। महिलाओं को आमतौर पर खेलों में भाग लेने की अनुमति नहीं थी, लेकिन उनकी अपनी प्रतियोगिताएं, 'हेराएन' खेल, हेरा के सम्मान में आयोजित की जाती थीं।
ओलंपिया के खेलों में जीत को अत्यंत प्रतिष्ठित माना जाता था। विजेताओं को जैतून की शाखाओं का मुकुट पहनाया जाता था और वे अपने गृह नगरों में नायकों की तरह स्वागत किए जाते थे। उन्हें अक्सर आजीवन विशेषाधिकार और सम्मान प्राप्त होते थे। ये खेल केवल शारीरिक पराक्रम का प्रदर्शन नहीं थे, बल्कि यूनानी संस्कृति, धर्म और एकता का भी प्रतीक थे। इन्होंने विभिन्न शहर-राज्यों के लोगों को एक साथ लाया, भले ही वे राजनीतिक रूप से अक्सर एक-दूसरे के साथ युद्ध में रहते थे।
ओलंपिया के खेलों का महत्व लगभग एक हजार वर्षों तक बना रहा। इनका पतन रोमन साम्राज्य के उदय के साथ शुरू हुआ, और ईसाई धर्म के प्रसार के बाद, इन्हें मूर्तिपूजक परंपराओं का अवशेष माना जाने लगा। सम्राट थियोडोसियस प्रथम ने 393 ईस्वी में इन्हें आधिकारिक तौर पर समाप्त कर दिया, हालांकि यह संभव है कि ये खेल कुछ समय तक अनौपचारिक रूप से जारी रहे हों। खेलों का स्थान समय के साथ धूल में मिल गया, और सदियों तक ये भुला दिए गए।
19वीं सदी में, पुरातत्वविदों ने ओलंपिया की खुदाई की और प्राचीन खेल मैदानों के अवशेषों की खोज की। इस खोज ने दुनिया भर में प्राचीन ओलंपिक खेलों में नई रुचि जगाई। पियरे डी कूपर्टिन, एक फ्रांसीसी बैरन, इस प्रेरणा के प्रमुख व्यक्ति थे, और उन्होंने 1896 में एथेंस में पहले आधुनिक ओलंपिक खेलों का आयोजन किया। इन खेलों ने प्राचीन यूनान की भावना को पुनर्जीवित किया और आज ये दुनिया की सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिताओं में से एक हैं।
ओलंपिया के खेलों का इतिहास हमें प्राचीन यूनानियों के जीवन, उनकी मान्यताओं और उनकी उपलब्धियों की एक झलक देता है। यह दर्शाता है कि कैसे शारीरिक और आध्यात्मिक दोनों तरह की प्रतिस्पर्धाएं मानव समाज के लिए महत्वपूर्ण हो सकती हैं। यह समझना महत्वपूर्ण है कि किस प्रकार से प्राचीन यूनानी देवताओं की पूजा और उनके सम्मान में आयोजित होने वाले आयोजन, उनकी सभ्यता के विकास में सहायक सिद्ध हुए। क्या आप जानते हैं कि प्राचीन यूनानियों की दार्शनिक विचार-धाराओं ने भी उनकी संस्कृति को कैसे आकार दिया?