भारतीय कला में, 'टेराकोटा' (Terracotta) का क्या महत्व है, विशेषकर प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता में?
- यह मुख्य रूप से धार्मिक मूर्तियों के निर्माण के लिए उपयोग किया जाता था।
- इसका उपयोग केवल वास्तुकला में सजावटी तत्वों के लिए किया जाता था।
- यह मानव आकृतियों, पशुओं और रोजमर्रा की वस्तुओं के चित्रण के लिए प्रमुख था।
- यह मुख्य रूप से औजारों और हथियारों के निर्माण में प्रयुक्त होता था।
Helpful Information:
सिंधु घाटी सभ्यता में टेराकोटा का उपयोग विभिन्न प्रकार की छोटी मूर्तियों, खिलौनों, बर्तनों और अन्य कलाकृतियों को बनाने के लिए किया जाता था। इन टेराकोटा कलाकृतियों में मानव आकृतियों, पशुओं (जैसे बैल, हाथी, भैंस) और रोजमर्रा की वस्तुओं का यथार्थवादी चित्रण मिलता है, जो उस समय के जीवन और संस्कृति की झलक प्रस्तुत करते हैं।