राजस्थान का प्रसिद्ध घूमर नृत्य मूल रूप से किस जनजाति द्वारा विकसित किया गया था और बाद में इसे राजस्थानी शाही दरबारों में अपनाया गया?
- मीणा जनजाति
- सहरिया जनजाति
- गरासिया जनजाति
- भील जनजाति
Helpful Information:
घूमर नृत्य राजस्थान का एक पारंपरिक लोक नृत्य है, जो अपनी सुंदरता और जीवंतता के लिए जाना जाता है। इसकी उत्पत्ति भील जनजाति में हुई थी, जहाँ यह देवी सरस्वती की पूजा के लिए किया जाता था। बाद में, इसे राजस्थानी राजपूतों द्वारा अपनाया गया और यह उनके शाही दरबारों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया। यह नृत्य मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा किया जाता है, जो रंगीन घाघरा पहनकर धीरे-धीरे घूमती हैं और अपनी उंगलियों से 'घूम' (चक्कर) बनाती हैं, जिससे इस नृत्य को इसका नाम मिला है। यह अक्सर विवाह, त्योहारों और अन्य शुभ अवसरों पर किया जाता है।