किसी देश की मुद्रा का अवमूल्यन (Devaluation) करने पर सामान्यतः निम्नलिखित में से किस पर प्रभाव पड़ता है?
- निर्यात महंगा हो जाता है और आयात सस्ता।
- निर्यात और आयात दोनों सस्ते हो जाते हैं।
- निर्यात और आयात दोनों महंगे हो जाते हैं।
- निर्यात सस्ता हो जाता है और आयात महंगा।
Helpful Information:
जब किसी देश की मुद्रा का अवमूल्यन किया जाता है, तो इसका मतलब है कि उस देश की मुद्रा का मूल्य दूसरी मुद्राओं की तुलना में कम हो गया है। इसके परिणामस्वरूप, उस देश से निर्यात की जाने वाली वस्तुएँ विदेशी खरीदारों के लिए सस्ती हो जाती हैं, जिससे निर्यात को बढ़ावा मिलता है। वहीं, विदेशी वस्तुएँ उस देश के खरीदारों के लिए महंगी हो जाती हैं, जिससे आयात कम होता है।