भारतीय संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किसी विधेयक के संबंध में भारत के राष्ट्रपति की प्राथमिक संवैधानिक भूमिका क्या है?
- विधेयक पर अपनी सहमति देना या उसे रोकना।
- विधेयक को जनता के बीच जनमत संग्रह के लिए रखना।
- विधेयक को सीधे लागू करने का आदेश देना।
- विधेयक को सर्वोच्च न्यायालय के पास संवैधानिक वैधता की जाँच के लिए भेजना।
Helpful Information:
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 111 के तहत, जब कोई विधेयक संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित हो जाता है, तो उसे राष्ट्रपति की सहमति के लिए प्रस्तुत किया जाता है। राष्ट्रपति के पास विधेयक पर अपनी सहमति देने (जिससे वह कानून बन जाता है), अपनी सहमति रोकने (जिसे वीटो शक्ति कहते हैं), या (धन विधेयक न होने पर) विधेयक को संसद के पुनर्विचार के लिए वापस भेजने का विकल्प होता है। यदि संसद विधेयक को दोबारा पारित करके राष्ट्रपति के पास भेजती है, तो राष्ट्रपति उस पर अपनी सहमति देने के लिए बाध्य होते हैं।