भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत, उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए निम्नलिखित में से कौन-सी रिट जारी कर सकता है?
- परमादेश (Mandamus)
- प्रतिषेध (Prohibition)
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
- उपरोक्त सभी
Helpful Information:
अनुच्छेद 32 भारतीय संविधान में नागरिकों को प्राप्त एक महत्वपूर्ण मूल अधिकार है, जिसे 'संविधानिक उपचारों का अधिकार' कहा जाता है। इसके तहत, यदि किसी नागरिक के मूल अधिकारों का हनन होता है, तो वह सीधे उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) या उच्च न्यायालय (High Court) में जा सकता है। न्यायालय इन मूल अधिकारों को लागू करवाने के लिए विभिन्न प्रकार की रिट (आदेश) जारी कर सकता है, जिनमें बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, उत्प्रेषण (Certiorari) और अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto) शामिल हैं।