Answer: 1 मिलीसेकंड या उससे कम
5G और 6G तकनीकें दूरसंचार के भविष्य की आधारशिला हैं। जहाँ 5G ने कनेक्टिविटी को एक नए स्तर पर पहुँचाया है, वहीं 6G का लक्ष्य इससे भी आगे बढ़कर एक ऐसी दुनिया का निर्माण करना है जहाँ भौतिक और डिजिटल संसार सहज रूप से आपस में जुड़े हों। ये प्रौद्योगिकियाँ केवल तेज़ इंटरनेट प्रदान करने से कहीं अधिक हैं; वे समाज के विभिन्न पहलुओं में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखती हैं, जिनमें स्वास्थ्य सेवा, परिवहन, शिक्षा, मनोरंजन और उद्योग शामिल हैं। इन तकनीकों को समझना न केवल आधुनिक डिजिटल युग के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी प्रासंगिक है।
5G, या पांचवीं पीढ़ी का वायरलेस संचार, 4G LTE की तुलना में महत्वपूर्ण सुधार लाता है। इसकी कल्पना तीन मुख्य विशेषताओं के साथ की गई थी: बढ़ी हुई मोबाइल ब्रॉडबैंड (eMBB), अति-विश्वसनीय कम-विलंबता संचार (URLLC), और विशाल मशीन-प्रकार संचार (mMTC)। eMBB का अर्थ है उच्च डेटा गति और क्षमता, जो अल्ट्रा-एचडी वीडियो स्ट्रीमिंग, वर्चुअल रियलिटी (VR) और ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) अनुभवों को संभव बनाती है। URLLC उन अनुप्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण है जहाँ समय-संवेदनशीलता सर्वोपरि है, जैसे कि स्वायत्त वाहन और दूरस्थ सर्जरी। mMTC लाखों उपकरणों को एक साथ जोड़ने की क्षमता प्रदान करता है, जो इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) के विस्तार को शक्ति प्रदान करता है।
5G की सबसे प्रभावशाली विशेषताओं में से एक इसकी कम विलंबता है। जहाँ 4G नेटवर्क की विलंबता आमतौर पर 50-100 मिलीसेकंड होती है, वहीं 5G इसे घटाकर 1 मिलीसेकंड या उससे भी कम करने का वादा करता है। यह लगभग तात्कालिक प्रतिक्रिया का अर्थ है कि कमांड और उनके निष्पादन के बीच का समय नगण्य हो जाता है। उदाहरण के लिए, एक स्वायत्त कार आपातकालीन स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया दे सकती है, या एक सर्जन दूरस्थ रूप से रोबोटिक आर्म को बिना किसी देरी के नियंत्रित कर सकता है। यह विलंबता न केवल उपभोक्ता अनुभवों को बेहतर बनाती है, बल्कि महत्वपूर्ण औद्योगिक और सुरक्षा-संवेदनशील अनुप्रयोगों के लिए भी मार्ग प्रशस्त करती है।
गति के मामले में भी 5G एक बड़ा उछाल है। सैद्धांतिक रूप से, 5G नेटवर्क 10 गीगाबिट प्रति सेकंड (Gbps) तक की पीक गति तक पहुँच सकते हैं, जो 4G से 10 से 100 गुना अधिक है। यह गति भारी डेटा वॉल्यूम को त्वरित रूप से संसाधित और स्थानांतरित करने की क्षमता प्रदान करती है, जिससे क्लाउड-आधारित सेवाओं, एज कंप्यूटिंग और डेटा-गहन अनुप्रयोगों का विकास होता है। उच्च बैंडविड्थ और कम विलंबता का संयोजन 5G को केवल स्मार्टफोन को तेज़ी से चलाने वाली तकनीक से कहीं अधिक बनाता है; यह एक ऐसा मंच है जो पूरी तरह से नए उपयोग के मामलों और व्यावसायिक मॉडल को सक्षम करेगा।
5G विभिन्न स्पेक्ट्रम बैंड पर संचालित होता है: निम्न-बैंड (low-band), मध्य-बैंड (mid-band), और मिलीमीटर तरंग (mmWave)। निम्न-बैंड कवरेज में व्यापक है लेकिन गति कम प्रदान करता है। मध्य-बैंड कवरेज और गति के बीच एक अच्छा संतुलन प्रदान करता है। mmWave स्पेक्ट्रम उच्चतम गति और क्षमता प्रदान करता है, लेकिन इसकी सीमा छोटी होती है और यह बाधाओं के प्रति अधिक संवेदनशील होता है। इस बहु-बैंड दृष्टिकोण के कारण 5G को लचीले ढंग से तैनात किया जा सकता है, जिससे विभिन्न आवश्यकताओं और उपयोग-मामलों को पूरा किया जा सके। हालाँकि, mmWave की सीमित पहुंच के कारण घने शहरी क्षेत्रों में 'स्मॉल सेल' के व्यापक परिनियोजन की आवश्यकता होती है।
5G के अनुप्रयोगों की श्रृंखला विशाल है। स्मार्ट शहरों में, यह ट्रैफिक प्रबंधन, सार्वजनिक सुरक्षा और पर्यावरण निगरानी के लिए सेंसर और उपकरणों के विशाल नेटवर्क को जोड़ सकता है। उद्योग 4.0 के संदर्भ में, 5G कारखानों में रोबोटों और मशीनों के बीच वास्तविक समय संचार को सक्षम करेगा, जिससे स्वचालन और दक्षता बढ़ेगी। स्वास्थ्य सेवा में, यह दूरस्थ रोगी निगरानी, टेलीसर्जरी और एम्बुलेंस में उच्च-गुणवत्ता वाले वीडियो परामर्श का समर्थन कर सकता है। मनोरंजन के क्षेत्र में, यह इमर्सिव AR/VR गेमिंग और अनुभवों को सशक्त करेगा।
हालाँकि 5G की क्षमताएं प्रभावशाली हैं, लेकिन इसके परिनियोजन में चुनौतियाँ भी कम नहीं हैं। आवश्यक बुनियादी ढाँचा, जिसमें नए एंटेना, फाइबर ऑप्टिक बैकबोन और स्मॉल सेल शामिल हैं, स्थापित करने के लिए महंगा और समय लेने वाला है। स्पेक्ट्रम आवंटन और नियामक बाधाएं भी देशों के लिए एक चुनौती हैं। इसके अतिरिक्त, नेटवर्क सुरक्षा और गोपनीयता के मुद्दे भी 5G के व्यापक रूप से अपनाने के लिए महत्वपूर्ण विचार हैं, क्योंकि यह पहले से कहीं अधिक उपकरणों और डेटा को जोड़ेगा।
जहाँ 5G अभी भी अपनी पूरी क्षमता को साकार कर रहा है, वहीं वैश्विक स्तर पर शोधकर्ता और इंजीनियर पहले से ही अगली पीढ़ी – 6G – की कल्पना कर रहे हैं। 6G का लक्ष्य केवल 5G की क्षमताओं को बढ़ाना नहीं है, बल्कि एक बिल्कुल नए प्रतिमान को परिभाषित करना है। यह एक ऐसी दुनिया की परिकल्पना करता है जहाँ डिजिटल और भौतिक दुनिया एक साथ इतनी सहजता से जुड़ी हों कि भेद करना मुश्किल हो जाए। 6G का विज़न 'मनुष्य-केंद्रित' है, जिसका अर्थ है कि यह मानव अनुभव को बढ़ाने और नई क्षमताओं को अनलॉक करने पर केंद्रित होगा।
6G की प्रमुख विशेषताओं में से एक गति का एक नया स्तर है: टेराबिट प्रति सेकंड (Tbps) रेंज में पीक डेटा दरें। यह वर्तमान 5G गति से 100 गुना अधिक होगी। विलंबता को भी माइक्रोसेकंड (micro-seconds) की सीमा तक कम करने की उम्मीद है, जो लगभग शून्य-विलंबता संचार को सक्षम करेगा। 6G को सर्वव्यापी कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया जाएगा, जिसमें पृथ्वी पर हर जगह, और यहाँ तक कि अंतरिक्ष में भी, निर्बाध कवरेज शामिल है। यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग (ML) को नेटवर्क के हर स्तर पर एकीकृत करेगा, जिससे नेटवर्क स्वयं अधिक बुद्धिमान, स्व-संगठित और कुशल बन जाएगा।
6G केवल संचार के बारे में नहीं होगा; यह एक एकीकृत संचार और सेंसिंग (integrated communication and sensing) मंच भी होगा। नेटवर्क पर्यावरण का पता लगाने, वस्तुओं को ट्रैक करने और यहां तक कि मानव हावभाव को समझने के लिए सेंसर के रूप में कार्य करने में सक्षम होगा। यह नई क्षमताएं स्मार्ट वातावरण (smart environments), डिजिटल ट्विन्स (digital twins) और आभासी-वास्तविकता/संवर्धित-वास्तविकता (VR/AR) अनुभवों को नए स्तरों तक ले जाएंगी। होलोग्राफिक संचार, जो अभी तक विज्ञान-कल्पना का विषय है, 6G के साथ एक वास्तविकता बन सकता है, जिससे लोग एक-दूसरे के 3D होलोग्राफिक छवियों के साथ दूरस्थ रूप से बातचीत कर सकेंगे।
6G के संभावित अनुप्रयोग अविश्वसनीय रूप से विविध और परिवर्तनकारी होंगे। यह टेलीप्रेजेंस (telepresence) को सक्षम करेगा जहाँ लोग आभासी दुनिया में ऐसे मौजूद हो सकते हैं जैसे वे भौतिक रूप से वहाँ हों। स्वास्थ्य सेवा में, यह वास्तविक समय में मस्तिष्क-कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) और अत्यधिक सटीक रिमोट सर्जरी को बढ़ावा दे सकता है। शिक्षा के क्षेत्र में, यह इमर्सिव वर्चुअल क्लासरूम और व्यक्तिगत सीखने के अनुभवों को जन्म दे सकता है। औद्योगिक सेटिंग्स में, यह मानव-रोबोट सहयोग को एक नए स्तर पर ले जाएगा, जिससे रोबोट मानव इरादों को सूक्ष्मता से समझ और प्रतिक्रिया दे सकेंगे।
6G को साकार करने के लिए कई उभरती हुई प्रौद्योगिकियों की आवश्यकता होगी। इसमें टेराहर्ट्ज़ (THz) आवृत्ति बैंड का उपयोग शामिल है, जो अभूतपूर्व बैंडविड्थ प्रदान करता है लेकिन महत्वपूर्ण तकनीकी चुनौतियों के साथ आता है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग नेटवर्क प्रबंधन, संसाधन आवंटन और सुरक्षा के लिए केंद्रीय होंगे। नई एंटीना प्रौद्योगिकियां, जैसे कि पुनर्विन्यास योग्य बुद्धिमान सतहें (Reconfigurable Intelligent Surfaces - RIS), सिग्नल कवरेज और दक्षता को बेहतर बनाने में मदद करेंगी। क्वांटम संचार और ब्लॉकचेन तकनीकें अत्यधिक सुरक्षित और निजी संचार सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण होंगी।
6G के विकास में भी अपनी चुनौतियां हैं। टेराहर्ट्ज़ आवृत्तियों पर ट्रांसमिशन और रिसेप्शन उपकरण विकसित करना तकनीकी रूप से जटिल है और ऊर्जा-गहन हो सकता है। डेटा की विशाल मात्रा और AI के व्यापक उपयोग से गोपनीयता और सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ेंगी। 6G नेटवर्क के लिए ऊर्जा दक्षता एक महत्वपूर्ण डिजाइन विचार होगा। साथ ही, वैश्विक मानकीकरण और नियामक ढाँचे विकसित करना भी एक बड़ी चुनौती होगी, ताकि विभिन्न देशों और प्रदाताओं के बीच सहज कनेक्टिविटी सुनिश्चित हो सके।
दुनिया भर के देश और प्रमुख दूरसंचार कंपनियां 6G अनुसंधान और विकास में भारी निवेश कर रही हैं। फिनलैंड का '6G फ्लैगशिप' कार्यक्रम, यूरोपीय संघ का 'हेक्सा-एक्स' (Hexa-X) प्रोजेक्ट, और संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, दक्षिण कोरिया और जापान जैसे देशों की पहलें 6G के भविष्य को आकार दे रही हैं। इन प्रयासों का उद्देश्य केवल तकनीकी नवाचारों को आगे बढ़ाना नहीं है, बल्कि भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था में नेतृत्व की स्थिति हासिल करना भी है।
भारत ने भी 5G के सफल परिनियोजन के बाद 6G के विकास में अपनी रुचि दिखाई है। 'भारत 6G अलायंस' (Bharat 6G Alliance) जैसी पहलें स्वदेशी तकनीक विकसित करने और भारत को 6G प्रौद्योगिकी में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाने पर केंद्रित हैं। भारत का लक्ष्य केवल एक उपभोक्ता राष्ट्र बने रहना नहीं है, बल्कि वैश्विक नवाचार में योगदानकर्ता बनना है। यह न केवल देश की तकनीकी संप्रभुता को बढ़ावा देगा बल्कि आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को भी बढ़ावा देगा।
कुल मिलाकर, 5G और 6G तकनीकें मानव समाज के साथ हमारे जुड़ने, काम करने और बातचीत करने के तरीके को मौलिक रूप से बदल देंगी। वे शहरों को स्मार्ट बना देंगी, उद्योगों को स्वचालित कर देंगी, और हमें एक दूसरे के साथ, और हमारे पर्यावरण के साथ, अभूतपूर्व तरीकों से जुड़ने में सक्षम बनाएंगी। हालाँकि, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि ये प्रौद्योगिकियाँ सभी के लिए सुलभ हों और समाज में डिजिटल विभाजन को और गहरा न करें। नैतिक विचार, डेटा गोपनीयता और AI के नियंत्रित उपयोग जैसे मुद्दे भी इस यात्रा में महत्वपूर्ण होंगे।
5G ने हमारे सामने वायरलेस संचार की अगली सीमा के द्वार खोले हैं, और 6G इस यात्रा को अभूतपूर्व ऊंचाइयों तक ले जाने का वादा करता है। ये केवल गति और बैंडविड्थ में सुधार नहीं हैं, बल्कि वे एक ऐसी दुनिया का निर्माण कर रहे हैं जहाँ बुद्धिमान नेटवर्क हर जगह मौजूद होंगे, जो हमारी इंद्रियों और क्षमताओं का विस्तार करेंगे। क्या मानव समाज इस तकनीकी क्रांति के लिए पूरी तरह से तैयार है, या हमें इसके नैतिक और सामाजिक प्रभावों पर और अधिक विचार करने की आवश्यकता है, इससे पहले कि हम इस डिजिटल भविष्य में पूरी तरह से विलीन हो जाएं?