Answer: अल्बर्ट आइंस्टाइन
विश्व के प्रसिद्ध वैज्ञानिक सिद्धांतों ने मानव सभ्यता को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन सिद्धांतों ने न केवल हमारी समझ को गहरा किया है, बल्कि तकनीकी प्रगति के लिए भी आधारशिला प्रदान की है। इनमें से कुछ सिद्धांत सदियों से विकसित होते रहे हैं, जबकि अन्य अपेक्षाकृत हाल ही में विकसित हुए हैं। लेकिन सभी का मानव जाति के ज्ञान और प्रगति पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
सापेक्षता का सिद्धांत, अल्बर्ट आइंस्टाइन द्वारा प्रस्तावित, शायद सबसे प्रसिद्ध वैज्ञानिक सिद्धांतों में से एक है। यह सिद्धांत समय, स्थान, गुरुत्वाकर्षण और ब्रह्मांड के बुनियादी ढांचे को समझने में क्रांति लाया। सापेक्षता के दो प्रमुख पहलू हैं: विशेष सापेक्षता और सामान्य सापेक्षता। विशेष सापेक्षता, 1905 में प्रस्तावित, यह बताती है कि भौतिकी के नियम सभी निष्क्रिय प्रेक्षकों के लिए समान हैं, और प्रकाश की गति निर्वात में सभी प्रेक्षकों के लिए एक स्थिरांक है। इस सिद्धांत ने द्रव्यमान और ऊर्जा के बीच संबंध (E=mc²) को स्थापित किया, जो परमाणु ऊर्जा के विकास का आधार बना।
सामान्य सापेक्षता, 1915 में प्रस्तावित, गुरुत्वाकर्षण को एक बल के रूप में नहीं, बल्कि समय-स्थान के वक्रता के रूप में वर्णित करती है। भारी पिंड समय-स्थान को मोड़ते हैं, और यह वक्रता ही गुरुत्वाकर्षण का कारण बनती है। सामान्य सापेक्षता ने ब्रह्मांड के विस्तार की भविष्यवाणी की, जिसकी बाद में खगोलीय अवलोकनों से पुष्टि हुई। इस सिद्धांत ने ब्लैक होल और ग्रेविटेशनल लेंसिंग जैसी अवधारणाओं को जन्म दिया।
न्यूटन के गति के नियम, इसाक न्यूटन द्वारा 17वीं शताब्दी में प्रस्तावित, शास्त्रीय यांत्रिकी का आधार हैं। ये नियम वस्तुओं की गति का वर्णन करते हैं, और इनके अनुप्रयोगों ने इंजीनियरिंग और तकनीकी प्रगति में क्रांति ला दी। ये नियम न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियम के साथ मिलकर सौर मंडल की गति का सटीक विवरण प्रदान करते हैं। हालाँकि, उच्च वेग या उच्च गुरुत्वाकर्षण वाले परिस्थितियों में, ये नियम सापेक्षता के सिद्धांत से असंगत हो जाते हैं।
डार्विन का विकासवाद का सिद्धांत, चार्ल्स डार्विन द्वारा 19वीं शताब्दी में प्रस्तावित, जीव विज्ञान में एक क्रांतिकारी परिवर्तन लाया। यह सिद्धांत प्राकृतिक चयन के माध्यम से जीवों के विकास और विविधता की व्याख्या करता है। यह सिद्धांत जीव विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है, और मानव जाति के विकास की समझ को गहरा किया है।
क्वांटम यांत्रिकी, 20वीं शताब्दी में विकसित, परमाणु और उप-परमाणु कणों के व्यवहार का वर्णन करती है। यह सिद्धांत प्रायिकता और अनिश्चितता पर आधारित है, और शास्त्रीय यांत्रिकी से काफी भिन्न है। क्वांटम यांत्रिकी आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटिंग के विकास के लिए आधारशिला प्रदान करती है।
ये कुछ उदाहरण हैं विश्व के प्रसिद्ध वैज्ञानिक सिद्धांतों के, जिनका मानव सभ्यता और ज्ञान पर गहरा प्रभाव पड़ा है। इन सिद्धांतों ने न केवल हमारे ब्रह्मांड की समझ को गहरा किया है, बल्कि तकनीकी प्रगति और मानव जीवन को बेहतर बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। लेकिन क्या इन सिद्धांतों में अभी भी सुधार की गुंजाइश है, या क्या भविष्य में और अधिक क्रांतिकारी सिद्धांतों का उदय होगा?