Answer: वेटिकन सिटी
विश्व के सबसे बड़े और सबसे छोटे देशों का अध्ययन भूगोल, अर्थशास्त्र और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह हमें विभिन्न देशों के आकार, जनसंख्या घनत्व, संसाधन वितरण और वैश्विक मंच पर उनकी भूमिका को समझने में मदद करता है। देशों के आकार का सीधा प्रभाव उनकी अर्थव्यवस्था, सैन्य शक्ति, कूटनीतिक प्रभाव और यहां तक कि उनकी सांस्कृतिक पहचान पर भी पड़ता है। जहाँ विशाल देश अपनी विशाल भूमि और संसाधनों के कारण एक अलग तरह की शक्ति रखते हैं, वहीं छोटे देश भी अपनी अनूठी विशेषताओं, विशेषकर कूटनीति और सेवा-आधारित अर्थव्यवस्थाओं के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं।
क्षेत्रफल के अनुसार विश्व का सबसे छोटा देश वेटिकन सिटी है। यह रोम, इटली के भीतर स्थित एक स्वतंत्र शहर-राज्य है। इसका कुल क्षेत्रफल केवल 0.44 वर्ग किलोमीटर (110 एकड़) है। यह दुनिया का सबसे छोटा संप्रभु राज्य है, न केवल क्षेत्रफल के हिसाब से, बल्कि जनसंख्या के हिसाब से भी। वेटिकन सिटी को 'Holy See' के नाम से भी जाना जाता है और यह कैथोलिक चर्च का आध्यात्मिक और प्रशासनिक केंद्र है। यहाँ का राष्ट्राध्यक्ष पोप होता है, जो दुनिया भर के कैथोलिकों का प्रमुख होता है।
वेटिकन सिटी की स्थापना 1929 में लैटरन संधि (Lateran Treaty) के माध्यम से हुई थी। इस संधि पर इटली के तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी और पोप पायस XI के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए थे। इसने इटली के राज्य और होली सी के बीच विवाद को समाप्त कर दिया, जिसने 1870 से रोम पर इतालवी नियंत्रण के बाद से पोप को अपनी संप्रभुता खो दी थी। लैटरन संधि ने वेटिकन सिटी को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता दी और उसे कुछ विशेष अधिकार प्रदान किए।
वेटिकन सिटी की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से दान, पर्यटन और टिकटों, डाक टिकटों और स्मृति चिन्हों की बिक्री पर निर्भर करती है। यहाँ कोई औद्योगिक या वाणिज्यिक गतिविधि नहीं होती है। यहाँ की आबादी बहुत कम है, जो मुख्य रूप से पादरी, स्विस गार्ड और कुछ अन्य कर्मचारी होते हैं। वेटिकन सिटी की अपनी मुद्रा (यूरो, जिसे इटली के साथ साझा किया जाता है), डाक सेवा, रेडियो स्टेशन और यहाँ तक कि अपनी सेना (स्विस गार्ड) भी है, जो पोप की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है।
वेटिकन सिटी का महत्व केवल इसके भौगोलिक आकार में नहीं है, बल्कि इसके सांस्कृतिक और धार्मिक प्रभाव में भी है। यहाँ सेंट पीटर्स बेसिलिका (St. Peter's Basilica) और वेटिकन संग्रहालय (Vatican Museums) स्थित हैं, जिनमें दुनिया की कुछ सबसे महान कलाकृतियाँ और ऐतिहासिक धरोहरें शामिल हैं। सिस्टिन चैपल (Sistine Chapel), माइकल एंजेलो की अविश्वसनीय भित्तिचित्रों के लिए प्रसिद्ध, वेटिकन संग्रहालय का एक अभिन्न अंग है। ये स्थल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, जो इसके आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं।
वेटिकन सिटी की एक अनूठी विशेषता इसकी विदेश नीति है, जो धार्मिक और नैतिक मुद्दों पर केंद्रित होती है। यह संयुक्त राष्ट्र में स्थायी पर्यवेक्षक का दर्जा रखता है और कई अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का सदस्य है। इसका कूटनीतिक प्रभाव इसके आकार से कहीं अधिक है, क्योंकि पोप की आवाज़ दुनिया भर के करोड़ों कैथोलिकों और अन्य लोगों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।
इसके विपरीत, क्षेत्रफल के अनुसार विश्व का सबसे बड़ा देश रूस है। रूस का कुल क्षेत्रफल लगभग 17.1 मिलियन वर्ग किलोमीटर (6.6 मिलियन वर्ग मील) है। यह पृथ्वी की सतह के एक बड़े हिस्से को कवर करता है, जो ग्यारह टाइम ज़ोन तक फैला हुआ है। रूस की विशाल भूमि में विविध प्रकार के परिदृश्य, जलवायु और प्राकृतिक संसाधन शामिल हैं, जैसे कि तेल, गैस, खनिज और लकड़ी।
रूस की विशालता का उसकी अर्थव्यवस्था, सेना और भू-राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यह प्राकृतिक संसाधनों का एक प्रमुख उत्पादक और निर्यातक है, जो वैश्विक ऊर्जा बाजारों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है। इसकी विशाल सैन्य शक्ति और भौगोलिक स्थिति इसे वैश्विक सुरक्षा में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाती है। जनसंख्या के मामले में, रूस दुनिया के सबसे बड़े देशों में से एक है, लेकिन जनसंख्या घनत्व अन्य बड़े देशों की तुलना में अपेक्षाकृत कम है।
क्षेत्रफल और जनसंख्या के मामले में इन दोनों चरम सीमाओं (वेटिकन सिटी और रूस) के बीच दुनिया के अन्य सभी देश आते हैं। उदाहरण के लिए, कनाडा, चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भी क्षेत्रफल के हिसाब से बहुत बड़े हैं, जबकि भारत, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, नाइजीरिया और ब्राजील जनसंख्या के हिसाब से बहुत बड़े हैं।
यह तुलना हमें यह समझने में मदद करती है कि देश का आकार उसकी क्षमता, चुनौतियों और वैश्विक परिदृश्य में उसकी भूमिका को कैसे प्रभावित करता है। छोटे देश अक्सर विशेष कूटनीति, विशिष्ट आर्थिक क्षेत्रों या अंतर्राष्ट्रीय समर्थन पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं। दूसरी ओर, बड़े देशों को आंतरिक प्रबंधन, विभिन्न क्षेत्रों के बीच संतुलन और अपनी विशाल आबादी की जरूरतों को पूरा करने की जटिलताओं का सामना करना पड़ता है।
अंतर्राष्ट्रीय संबंध और कूटनीति में, देशों का आकार एक महत्वपूर्ण कारक हो सकता है, लेकिन यह एकमात्र कारक नहीं है। कूटनीतिक कौशल, आर्थिक शक्ति, तकनीकी क्षमता और सांस्कृतिक प्रभाव भी किसी देश की वैश्विक स्थिति को परिभाषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वेटिकन सिटी, अपने छोटे आकार के बावजूद, एक महत्वपूर्ण नैतिक और आध्यात्मिक शक्ति के रूप में कार्य करता है, जबकि बड़े देश अक्सर अपनी आर्थिक और सैन्य शक्ति के माध्यम से वैश्विक व्यवस्था को प्रभावित करते हैं।
दुनिया के देशों के आकार में इतनी विविधता क्यों है और यह विविधता उनके विकास और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को कैसे प्रभावित करती है?