भारत में मत्स्य पालन के विकास में किन प्रमुख चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?
Answer: भारत में मत्स्य पालन के विकास में कई चुनौतियाँ हैं, जिनमें जल प्रदूषण, अवैध मत्स्यन, जलवायु परिवर्तन का प्रभाव, तकनीकी कमी, बुनियादी ढाँचे का अभाव और विपणन संबंधी समस्याएँ शामिल हैं।
भारत दुनिया के सबसे बड़े मछली उत्पादक देशों में से एक है, जहाँ लाखों लोगों की आजीविका इस उद्योग पर निर्भर करती है। हालांकि, इस उद्योग के समक्ष कई चुनौतियाँ हैं जो इसके विकास को बाधित करती हैं।जल प्रदूषण एक प्रमुख समस्या है। औद्योगिक अपशिष्ट, कृषि रसायन और घरेलू कचरे से जल प्रदूषित होता है, जिससे मछलियों की आबादी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और मछली की गुणवत्ता कम होती है।अवैध मत्स्यन भी एक बड़ी समस्या है जो मछली की आबादी को कम करती है और संसाधनों का अनियंत्रित दोहन करती है। इससे मछुआरों की आजीविका भी प्रभावित होती है और दीर्घकालिक रूप से मत्स्य पालन उद्योग को नुकसान पहुँचता है।जलवायु परिवर्तन भी मत्स्य पालन को प्रभावित करता है। समुद्री जल स्तर में वृद्धि, तापमान में परिवर्तन और मौसम में बदलाव मछली की प्रजातियों और उनके वितरण पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।तकनीकी कमी और बुनियादी ढाँचे का अभाव भी मत्स्य पालन उद्योग के विकास में बाधा डालते हैं। आधुनिक तकनीकों का उपयोग और बेहतर बुनियादी ढाँचे से मछली उत्पादन और उसकी गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है।मछली के विपणन में भी समस्याएँ हैं। मछली के उत्पादन के बाद उसके भंडारण, परिवहन और विपणन में उचित प्रबंधन का अभाव मछली की बर्बादी और किसानों को नुकसान पहुँचाता है। बेहतर विपणन रणनीतियों से इस समस्या का समाधान किया जा सकता है।
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