भारत में 'सुनहरा रेशा' किस फसल को कहा जाता है?

भारत में 'सुनहरा रेशा' किस फसल को कहा जाता है?

Answer: जूट

जूट, जिसे अक्सर "सुनहरा रेशा" कहा जाता है, भारत की एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है। यह नाम इसे इसकी चमकदार, सुनहरी भूरी चमक और आर्थिक मूल्य के कारण मिला है। यह एक प्राकृतिक वनस्पति रेशा है जिसका उपयोग सदियों से विभिन्न प्रकार के उत्पादों के निर्माण में किया जाता रहा है। भारत, बांग्लादेश के बाद दुनिया में जूट का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और वैश्विक स्तर पर जूट उत्पादों का एक प्रमुख निर्यातक भी है। भारत की अर्थव्यवस्था में जूट का एक विशेष स्थान है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, जहाँ यह लाखों किसानों और श्रमिकों को आजीविका प्रदान करता है।

जूट का वानस्पतिक नाम 'कॉरकोरस कैप्सुलारिस' (Corchorus capsularis) और 'कॉरकोरस ओलिटोरियस' (Corchorus olitorius) है। यह मालवेसी (Malvaceae) परिवार से संबंधित है, जिसमें कपास और भिंडी जैसे अन्य पौधे भी शामिल हैं। जूट के पौधे उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में पनपते हैं। माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति भारत और अफ्रीका में हुई है, जहाँ इसका उपयोग प्राचीन काल से वस्त्र और रस्सी बनाने के लिए किया जाता रहा है। यह एक लंबा, पतला पौधा होता है जो 10 से 12 फीट तक बढ़ सकता है और इसकी पत्तियों का उपयोग कुछ संस्कृतियों में सब्जियों के रूप में भी किया जाता है।

जूट की खेती के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु आदर्श होती है। इसे अच्छी बारिश की आवश्यकता होती है, विशेष रूप से बुवाई के मौसम के दौरान, और मानसून की अवधि इसके विकास के लिए महत्वपूर्ण होती है। लगभग 25°C से 35°C का तापमान और 80% से 90% की सापेक्ष आर्द्रता इसकी वृद्धि के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। जूट को उपजाऊ, अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है, जिसमें रेत और चिकनी मिट्टी का मिश्रण हो। गंगा और ब्रह्मपुत्र के डेल्टा क्षेत्र, जो समृद्ध जलोढ़ मिट्टी से भरे हैं, जूट की खेती के लिए विशेष रूप से अनुकूल हैं। इन क्षेत्रों में वार्षिक बाढ़ मिट्टी को पोषक तत्वों से फिर से भर देती है, जिससे जूट के उत्पादन के लिए आदर्श परिस्थितियाँ बनती हैं।

जूट की खेती एक श्रमसाध्य प्रक्रिया है। बुवाई आमतौर पर मार्च से मई के महीनों में की जाती है, जब मिट्टी में पर्याप्त नमी होती है। बीज सीधे खेत में बोए जाते हैं। पौधे लगभग 4 से 5 महीने में परिपक्व हो जाते हैं और कटाई के लिए तैयार होते हैं। कटाई तब की जाती है जब पौधे फूलना शुरू करते हैं, लेकिन बीज पूरी तरह से विकसित नहीं होते हैं। इस चरण में फाइबर की गुणवत्ता सबसे अच्छी होती है। कटाई के बाद, पौधों को बंडल में बांधा जाता है और 'रेटिंग' नामक प्रक्रिया के लिए तैयार किया जाता है।

रेटिंग जूट उत्पादन का एक महत्वपूर्ण चरण है। इस प्रक्रिया में, जूट के पौधों के बंडलों को पानी में डुबोया जाता है, आमतौर पर शांत, धीमी गति से बहने वाले पानी में, जैसे तालाब, झीलें या धीमी नदियाँ। यह प्रक्रिया 10 से 30 दिनों तक चल सकती है, जो तापमान और पानी की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। रेटिंग के दौरान, सूक्ष्मजीवों की क्रिया से पौधों के तने में मौजूद पेक्टिन और गोंद जैसे पदार्थ घुल जाते हैं। ये पदार्थ रेशों को तने से बांधे रखते हैं। जब ये पदार्थ विघटित हो जाते हैं, तो रेशों को आसानी से अलग किया जा सकता है। यह प्रक्रिया जूट के रेशों को उनकी विशिष्ट चमक और कोमलता भी प्रदान करती है।

रेटिंग पूरी होने के बाद, रेशों को तनों से मैन्युअल रूप से 'स्ट्रिपिंग' (छिलाई) द्वारा अलग किया जाता है। यह एक कुशल श्रम-गहन कार्य है जिसमें श्रमिकों को पानी में खड़े होकर रेशों को सावधानीपूर्वक खींचना होता है। अलग किए गए रेशों को फिर साफ पानी में धोया जाता है ताकि कोई भी शेष अशुद्धियाँ निकल जाएं और उन्हें चमकदार बनाया जा सके। धुले हुए रेशों को धूप में सुखाया जाता है। सूखे जूट के रेशे मजबूत, टिकाऊ और बायोडिग्रेडेबल होते हैं। उनमें उच्च तन्यता शक्ति (tensile strength) होती है, जो उन्हें विभिन्न प्रकार के वस्त्रों और औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त बनाती है। इसके अलावा, जूट के रेशे हल्के, सांस लेने योग्य और नमी को अवशोषित करने वाले होते हैं।

जूट के रेशों का उपयोग विविध उत्पादों के निर्माण में होता है। सबसे पारंपरिक उपयोग पैकेजिंग सामग्री के रूप में है, जैसे बोरे, बारदाना (hessian cloths) और शॉपिंग बैग। खाद्य अनाज, चीनी और कॉफी जैसे उत्पादों की पैकेजिंग के लिए जूट के बोरे व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं। वस्त्र उद्योग में, जूट का उपयोग कालीन, गलीचे, पर्दे, असबाब और अन्य घरेलू वस्त्र बनाने के लिए किया जाता है। औद्योगिक अनुप्रयोगों में, जूट का उपयोग भू-वस्त्र (geotextiles), कंपोजिट सामग्री, रस्सी, सूत और यहां तक कि कागज के उत्पादन में भी किया जाता है। भू-वस्त्र का उपयोग मृदा अपरदन नियंत्रण और सड़क निर्माण में किया जाता है, जहाँ इसकी बायोडिग्रेडेबल प्रकृति इसे एक स्थायी विकल्प बनाती है।

भारत में, जूट का उत्पादन मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा और मेघालय जैसे राज्यों में केंद्रित है। इन क्षेत्रों में, जूट लाखों छोटे और सीमांत किसानों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। जूट उद्योग न केवल किसानों को बल्कि जूट मिलों और प्रसंस्करण इकाइयों में कार्यरत हजारों श्रमिकों को भी रोजगार प्रदान करता है। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे स्थानीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। जूट उत्पादों का निर्यात भारत के विदेशी मुद्रा आय में भी योगदान देता है।

जूट उद्योग को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। सबसे बड़ी चुनौती सिंथेटिक रेशों, विशेष रूप से पॉलीप्रोपाइलीन (polypropylene) से कड़ी प्रतिस्पर्धा है। सिंथेटिक बैग अक्सर सस्ते होते हैं और अधिक टिकाऊपन का वादा करते हैं, जिससे जूट उत्पादों की मांग प्रभावित होती है। इसके अलावा, जूट मिलों में पुरानी और अप्रचलित मशीनरी का उपयोग उत्पादकता और गुणवत्ता को कम करता है। किसानों को जूट के उचित मूल्य न मिलने, कीमतों में उतार-चढ़ाव और बिचौलियों के शोषण जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। श्रम-गहन प्रक्रिया होने के कारण, बढ़ती श्रम लागत भी उद्योग के लिए एक चुनौती है।

भारत सरकार ने जूट उद्योग को पुनर्जीवित करने और बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। 'जूट पैकेजिंग सामग्री अधिनियम' (Jute Packaging Material Act) के तहत कुछ उत्पादों की पैकेजिंग में जूट के अनिवार्य उपयोग को बढ़ावा दिया गया है। 'राष्ट्रीय जूट बोर्ड' (National Jute Board) अनुसंधान और विकास, आधुनिकीकरण और जूट उत्पादों के विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। 'जूट मार्क इंडिया' (Jute Mark India) जैसे पहल उपभोक्ता को गुणवत्ता वाले जूट उत्पादों की पहचान करने में मदद करते हैं। नई प्रौद्योगिकियों और बेहतर किस्मों के विकास के लिए कृषि अनुसंधान संस्थानों में काम चल रहा है ताकि उत्पादन लागत कम की जा सके और फाइबर की गुणवत्ता बढ़ाई जा सके।

भविष्य में जूट उद्योग की सफलता उसके उत्पादों के विविधीकरण और आधुनिकीकरण पर निर्भर करती है। पारंपरिक बोरे और बैग के अलावा, डिजाइनर जूट बैग, जूट फैशनेबल वस्त्र, जूट कालीन, हस्तशिल्प और सजावटी वस्तुएँ लोकप्रिय हो रही हैं। ऑटोमोबाइल उद्योग में कंपोजिट सामग्री के रूप में जूट के बढ़ते उपयोग की भी संभावना है। जूट के पर्यावरणीय लाभों को उजागर करना भी महत्वपूर्ण है। यह एक पूरी तरह से बायोडिग्रेडेबल और नवीकरणीय संसाधन है जो मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करता है और कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करता है। प्लास्टिक के हानिकारक प्रभावों के प्रति बढ़ती वैश्विक जागरूकता के साथ, जूट जैसे प्राकृतिक रेशों के लिए एक उज्जवल भविष्य की उम्मीद है।

जूट भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक विरासत का एक अभिन्न अंग है। 'सुनहरा रेशा' सिर्फ एक उपनाम नहीं, बल्कि इस फसल के मूल्य और संभावनाओं का प्रतीक है। सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण के मौजूदा वैश्विक परिदृश्य में, जूट जैसे प्राकृतिक और पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। क्या हम जूट की पूरी क्षमता का उपयोग करके इसे वास्तव में एक वैश्विक हरित विकल्प बना पाएंगे?


Tags: जूट सुनहरा रेशा फसल उत्पादन कृषि फाइबर भारत नकदी फसल

Related Questions

Tags

भारत की नदियाँ जल संसाधन नदी महत्व भारतीय भूगोल नदी तंत्र प्लासी का युद्ध रॉबर्ट क्लाइव सिराजुद्दौला मीर जाफ़र ईस्ट इंडिया कंपनी भारतीय इतिहास 1757 राष्ट्रपति अनुच्छेद 72 क्षमादान भारतीय संविधान राजव्यवस्था उपभोक्ता अधिकार विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस जागरूकता उपभोक्ता संरक्षण जॉन एफ. कैनेडी संयुक्त राष्ट्र भारत टिकाऊ खपत भारतीय रिज़र्व बैंक बैंक दर मौद्रिक नीति बैंकिंग प्रणाली ब्याज दर भारतीय अर्थव्यवस्था सिंधु घाटी सभ्यता मोहनजोदड़ो विशाल स्नानागार प्राचीन भारत हड़प्पा सभ्यता पुरातत्व फ्रांसीसी क्रांति क्रांति स्वतंत्रता समानता बंधुत्व लुई सोलहवें आतंक का राज नेपोलियन बोनापार्ट मानवाधिकार भारतीय सेना सियाचिन ग्लेशियर ऑपरेशन मेघदूत सैन्य इतिहास रक्षा सचिन तेंदुलकर टेस्ट क्रिकेट क्रिकेट भारतीय खिलाड़ी रिकॉर्ड अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस योग स्वास्थ्य 21 जून आसन प्राणायाम प्राचीन यूनान ओलंपिया के खेल ज़्यूस हेलेनिक सभ्यता प्राचीन खेल धर्म रेगिस्तान सहारा अफ्रीका भूगोल जलवायु वनस्पति जीव-जंतु इतिहास डॉ. भीमराव अंबेडकर संविधान सभा मसौदा समिति सामाजिक न्याय गुप्त साम्राज्य चंद्रगुप्त प्रथम महाराजाधिराज सम्राट अशोक मौर्य राजवंश कलिंग युद्ध शिलालेख बौद्ध धर्म धम्म ला टोमाटिना स्पेन त्योहार उत्सव होली टमाटर सांस्कृतिक मुख्य चुनाव आयुक्त चुनाव आयोग भारत के राष्ट्रपति संवैधानिक निकाय लोकतंत्र नियुक्ति प्रक्रिया चुनाव मावसिनराम मेघालय वर्षा विश्व रिकॉर्ड मानसून नैनो प्रौद्योगिकी सूक्ष्म विज्ञान नैनो-सामग्री सामग्री विज्ञान विज्ञान और प्रौद्योगिकी बाल अधिकार NCPCR बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम 2005 किशोर न्याय अधिनियम शिक्षा का अधिकार बाल श्रम बाल विवाह वैदिक काल गोत्र आर्य ऋग्वेद उत्तरवैदिक काल भारतीय संस्कृति सामाजिक संरचना पवन ऊर्जा नवीकरणीय ऊर्जा तमिलनाडु ऊर्जा उत्पादन पर्यावरण CRISPR-Cas9 जीन संपादन जैविक प्रौद्योगिकी नैतिकता मानव भ्रूण जर्मलाइन संपादन वैज्ञानिक अनुसंधान नृत्यरत स्त्री कांस्य प्रतिमा सतत विकास पृथ्वी शिखर सम्मेलन जोहान्सबर्ग अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन विकास बृहस्पति सौरमंडल ग्रह हाइड्रोजन गैसीय ग्रह खगोल विज्ञान अंतरिक्ष पियानो वाद्ययंत्र संगीतकार शास्त्रीय संगीत रचना संगीत सिद्धांत द्वितीय विश्व युद्ध परमाणु बम हिरोशिमा नागासाकी जापान संयुक्त राज्य अमेरिका युद्ध का अंत ऐतिहासिक घटनाएँ विद्युत चुम्बकीय प्रेरण फैराडे का नियम चुम्बकीय फ्लक्स विद्युत वाहक बल जनरेटर ट्रांसफार्मर प्रेरकत्व मंगल लाल ग्रह आयरन ऑक्साइड धन विधेयक अनुच्छेद 110 लोकसभा राज्यसभा संसद वित्तीय विधेयक पंडित रविशंकर सितार भारतीय शास्त्रीय संगीत विश्व संगीत संगीत जल विद्युत भाखड़ा-नांगल नदी ऊर्जा सिंचाई परियोजना नाटो उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन सामूहिक रक्षा शीत युद्ध सैन्य गठबंधन अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा बिग डेटा हाडूप डेटा विश्लेषण ओपन-सोर्स वितरित कंप्यूटिंग HDFS MapReduce भरतनाट्यम हस्तमुद्रा भारतीय शास्त्रीय नृत्य नृत्य मुद्राएँ कला संस्कृति अभिनय वैश्विक परिवार दिवस परिवार अंतर्राष्ट्रीय दिवस शांति सद्भाव नव वर्ष कार्बन रसायन विज्ञान जीवन का तत्व कार्बनिक रसायन कार्बन चक्र आवर्त सारणी अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन ISS अंतरिक्ष अन्वेषण NASA Roscosmos JAXA CSA ESA अंतरिक्ष सहयोग अंतरिक्ष विज्ञान यूनानी सभ्यता प्राचीन साहित्य महाकाव्य होमर इलियड ओडिसी ग्रीक साहित्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता मशीन लर्निंग भविष्य प्रौद्योगिकी समाज स्वास्थ्य सेवा शिक्षा कार्यबल शासन ऊष्मागतिकी ऊर्जा संरक्षण विलगित निकाय आंतरिक ऊर्जा भौतिकी नियम संयुक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद स्थायी सदस्य वीटो शक्ति अंतर्राष्ट्रीय शांति मुख्य न्यायाधीश CJI सर्वोच्च न्यायालय न्यायपालिका संविधान कॉलेजियम प्रणाली गुरुत्वाकर्षण न्यूटन सार्वभौमिक गुरुत्वाकर्षण का नियम भौतिकी बल मानवयुक्त मिशन यूरी गगारिन सोवियत संघ अंतरिक्ष दौड़ ऐतिहासिक घटना जीनोम डीएनए आनुवंशिकी बायोटेक्नोलॉजी चिकित्सा जलप्रपात एंजल फॉल्स वेनेज़ुएला प्राकृतिक अजूबे पर्यटन विश्व के सबसे ऊँचे जलप्रपात मौलिक अधिकार अनुच्छेद 24 शोषण के विरुद्ध अधिकार कानून बंदरगाह वैश्विक व्यापार माल ढुलाई शंघाई चीन लॉजिस्टिक्स अर्थव्यवस्था समानता का अधिकार भेदभाव का प्रतिषेध अनुच्छेद 15 भारतीय राजव्यवस्था मृगनयनी महल ग्वालियर मध्य प्रदेश ऐतिहासिक स्थल वास्तुकला रानी मृगनयनी नासा जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप अवरक्त प्रकाश हबल स्पेस टेलीस्कोप ब्रह्मांड संप्रभु हरित बॉन्ड हरित वित्त जलवायु परिवर्तन टिकाऊ विकास भारत सरकार वित्तीय साधन सौर ऊर्जा फोटोवोल्टेइक अर्धचालक ऊर्जा रूपांतरण सकल घरेलू उत्पाद सांकेतिक जीडीपी वास्तविक जीडीपी मुद्रास्फीति आर्थिक संकेतक परिसीमन आयोग निर्वाचन क्षेत्र विधानसभा चुनाव आयुक्त पीयूष ग्रंथि अंतःस्रावी तंत्र हार्मोन मास्टर ग्रंथि हाइपोथैलेमस मानव शरीर ग्रंथियाँ विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO विश्व स्वास्थ्य दिवस अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य सार्वजनिक स्वास्थ्य ग्लोबल वार्मिंग समुद्र तल में वृद्धि ग्लेशियर बर्फ की चादरें थर्मल विस्तार ग्रीनहाउस गैसें नगरीय योजना महास्नानघर सिंधु लिपि MSP न्यूनतम समर्थन मूल्य भारतीय कृषि किसान सरकारी नीति खाद्य सुरक्षा राष्ट्रीय साक्षरता मिशन NLM साक्षरता दर कार्य कार्यात्मक साक्षरता स्वयंसेवक गैर-सरकारी संगठन विश्व अर्थव्यवस्था GDP PPP अमेरिका आर्थिक विकास आरक्षित निधि वित्तीय नियोजन कंपनी अधिनियम वित्तीय स्थिरता निवेश ऋण प्रबंधन सरकार कंपनी मौर्य साम्राज्य चंद्रगुप्त मौर्य अशोक मगध चाणक्य अर्थशास्त्र परमाणु विखंडन नाभिकीय भौतिकी परमाणु ऊर्जा श्रृंखला अभिक्रिया यूरेनियम विज्ञान सार्वत्रिक नियम रवींद्रनाथ टैगोर नोबेल पुरस्कार प्रथम भारतीय गीतांजलि साहित्य विश्व-भारती आदिवासी शिक्षा आवासीय विद्यालय सशक्तिकरण जनजातीय कल्याण महासागर प्रशांत महासागर मारियाना ट्रेंच चैलेंजर डीप गहराई विश्व अन्वेषण सापेक्षता का सिद्धांत विशेष सापेक्षता सामान्य सापेक्षता अल्बर्ट आइंस्टीन प्रकाश की गति ब्रह्मांड विज्ञान E=mc² समय का फैलाव लंबाई संकुचन 5G 6G नेटवर्क टेलीकम्युनिकेशन तकनीक गति विलंबता AI प्रवर्तन निदेशालय ED मनी लॉन्ड्रिंग PMLA FEMA आर्थिक अपराध परमाणु नाभिक प्रोटॉन परमाणु क्रमांक तत्व सैन्य अभियान कालिदास अभिज्ञानशाकुंतलम् संस्कृत साहित्य नाट्यशास्त्र महाभारत दुष्यंत शकुंतला भारतीय क्लासिक्स रेलवे परिवहन लॉर्ड डलहौजी मुंबई ठाणे 1853 पुरस्कार अल्पसंख्यक सम्मान अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्रकाश संश्लेषण कार्बन डाइऑक्साइड ऑक्सीजन क्लोरोफिल जीव विज्ञान पादप पृथ्वी की संरचना भूपर्पटी मेंटल कोर भूविज्ञान पृथ्वी की परतें महाद्वीपीय भूपर्पटी महासागरीय भूपर्पटी संवैधानिक शक्ति सूचना प्रौद्योगिकी आईटी बंगलूरु सिलिकॉन वैली नवाचार उदारीकरण हिमालय वलित पर्वत टेक्टोनिक प्लेटें पर्वत श्रृंखलाएँ नदी उद्गम डीप लर्निंग आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क न्यूरल नेटवर्क तंत्रिका नेटवर्क आसियान दक्षिण पूर्व एशिया अंतर्राष्ट्रीय संगठन हरित बॉन्ड पर्यावरण वित्तपोषण रोमन साम्राज्य पैनथिऑन प्राचीन वास्तुकला रोम गुंबद हैड्रियन इंजीनियरिंग सोफिया रोबोटिक्स हैनसन रोबोटिक्स ह्यूमनॉइड रोबोट P5 अंतर्राष्ट्रीय कानून भू-राजनीति जनसंख्या प्रतिनिधित्व फिनलैंड झीलें नॉर्डिक देश राजधानियाँ प्रधानमंत्री जयपुर गुलाबी शहर राजस्थान विश्व धरोहर स्थल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन NHM राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन NUHM राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन NRHM स्वास्थ्य सेवाएँ जन स्वास्थ्य अटलांटिक की लड़ाई काफिला प्रणाली पनडुब्बी युद्ध मित्र राष्ट्र धुरी राष्ट्र नौसेना रणनीति आयरन लौह हीमोग्लोबिन रक्त शरीर विज्ञान खनिज पोषण विश्व के देश क्षेत्रफल वेटिकन सिटी रूस सबसे छोटा देश सबसे बड़ा देश ओपन ऑफर शेयर बाजार अधिग्रहण SEBI कॉर्पोरेट गवर्नेंस भोजन की बर्बादी खाद्य अपव्यय उपभोक्ता व्यवहार संसाधन प्रबंधन कृषि चोल राजवंश दक्षिण भारत राजेंद्र प्रथम राजराज प्रथम साम्राज्य वर्ल्ड वाइड वेब टिम बर्नर्स-ली CERN HTML HTTP URL इंटरनेट आविष्कार प्लाज्मा पदार्थ की अवस्थाएँ आयन इलेक्ट्रॉन सूर्य संलयन जैव विविधता पश्चिमी घाट हॉटस्पॉट पारिस्थितिकी तंत्र वन्यजीव संरक्षण बागवानी भारतीय परंपरा टिकाऊ खेती जैव-विविधता पंच-पल्लव प्राकृतिक संसाधन उपग्रह भूस्थैतिक कक्षा GEO संचार रॉकेट कक्षीय यांत्रिकी विराट कोहली ODI क्रिकेट भारतीय क्रिकेट क्रिकेटर खेल यूरेनियम-235 नाभिकीय विखंडन समस्थानिक ऊर्जा स्रोत पोलिस नगर-राज्य एथेंस स्पार्टा अमर्त्य सेन भारतीय विजेता कल्याणकारी अर्थशास्त्र नोबेल लॉरिएट विकास अर्थशास्त्र ग्रीनहाउस प्रभाव प्रदूषण DRDO रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन IGMDP पृथ्वी मिसाइल मिसाइल मैन ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत की रक्षा आत्मनिर्भर भारत खाड़ियाँ मेक्सिको की खाड़ी बंगाल की खाड़ी फ़ारसी खाड़ी हडसन खाड़ी समुद्री भूगोल विश्व भूगोल जलीय निकाय जूट सुनहरा रेशा फसल उत्पादन फाइबर नकदी फसल अंतर्राष्ट्रीय संबंध चार्टर सैन फ्रांसिस्को महासचिव जीन एडिटिंग जैव प्रौद्योगिकी वैज्ञानिक खोज भारत के मुख्य न्यायाधीश सेवानिवृत्ति आयु रोस्टर का मास्टर मृदा विज्ञान काली मिट्टी रेगुर मिट्टी मिट्टी के प्रकार भारत का भूगोल दक्कन का पठार कपास विधायिका हाइड्रोपोनिक्स मिट्टी रहित खेती शहरी खेती भविष्य की कृषि भारतीय मुद्रा सिक्के रुपया शेरशाह सूरी मध्यकालीन भारत ब्रिटिश राज स्वतंत्रता के बाद मुद्रा किले महल आमेर किला राजपूत मुगल विरासत राजा मान सिंह प्रथम राज्य के नीति निदेशक तत्व DPSP भाग IV कल्याणकारी राज्य भारत का शासन वेद अथर्ववेद सामवेद यजुर्वेद कॉस्मिक किरणें विक्टर हेस खगोल भौतिकी कण भौतिकी सुपरनोवा विकिरण भूस्खलन बृहत् संचलन विसर्पण प्राकृतिक आपदा मिट्टी का कटाव ढलान स्थिरता ओजोन परत विश्व ओजोन दिवस मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल UNEP UV विकिरण समताप मंडल रिवर्स रेपो दर तरलता प्रबंधन मुद्रास्फीति नियंत्रण आर्थिक नीति बैंकिंग जीनोम अनुक्रमण मानव जीनोम परियोजना व्यक्तिगत चिकित्सा NGS अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति G20 G7 शिखर सम्मेलन शेरपा बहुपक्षीय मंच वैश्विक शासन संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन CBD पारिस्थितिकी अंतर्राष्ट्रीय समझौते प्राचीन विश्व आधुनिक विश्व स्मारक मानव निर्मित चमत्कार मिस्र विलय और अधिग्रहण कॉर्पोरेट लेनदेन वित्तीय बाजार ज्ञानपीठ पुरस्कार आशापूर्णा देवी बंगाली साहित्य महिला साहित्यकार भारतीय साहित्य उपन्यासकार प्रथम प्रतिश्रुति दूरसंचार वायरलेस तकनीक इंटरनेट ऑफ थिंग्स बैंडविड्थ IoT स्मार्ट टेक्नोलॉजी कनेक्टेड डिवाइस डेटा ऑटोमेशन डिजिटल परिवर्तन एन्ट्रॉपी ऊष्मागतिकी के नियम परमाणु रिएक्टर नियंत्रण छड़ें न्यूट्रॉन सुरक्षा स्वच्छ ऊर्जा धोलावीरा जल प्रबंधन पुरातात्विक स्थल यूनेस्को वित्तीय अपराध भारत का कानून अधिनियम राजवंश श्रीगुप्त स्वर्ण युग समुद्रगुप्त चंद्रगुप्त द्वितीय सेंसर कनेक्टिविटी उद्योग 4.0 एआई स्मार्ट होम स्मार्ट सिटीज़ व्यपगत का सिद्धांत भारत का इतिहास 1857 का विद्रोह रियासतें साम्राज्यवादी नीति विलय नीति ऑस्कर अकादमी पुरस्कार विंग्स हॉलीवुड विश्व सिनेमा मूक फिल्म सिनेमा इतिहास प्रथम विश्व युद्ध विलियम ए. वेलमैन भारत रत्न नागरिक सम्मान खान अब्दुल गफ्फार खान सीमांत गांधी राष्ट्रीय पुरस्कार भारतीय वास्तुकला सांस्कृतिक विरासत यूनेस्को विश्व धरोहर राष्ट्रीय प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज अशोक स्तंभ राष्ट्रीय गान भारतीय त्योहार धार्मिक महत्व कृषि पर्व सामाजिक एकता लोक नृत्य राज्यवार नृत्य भारतीय कला भारत पर्यटन हिमालयी पर्यटन प्राकृतिक सौंदर्य तीर्थस्थल साहसिक पर्यटन चट्टानें आग्नेय चट्टानें अवसादी चट्टानें रूपांतरित चट्टानें पृथ्वी भूवैज्ञानिक प्रक्रियाएँ चट्टान चक्र प्रधान मंत्री संसदीय प्रणाली अनुच्छेद 75 कार्यपालिका परिशुद्ध कृषि स्मार्ट फार्मिंग कृषि नवाचार किसानों की आय जल संरक्षण उर्वरक प्रबंधन डेटा-संचालित कृषि गौतम बुद्ध सिद्धार्थ विश्व धर्म दर्शन निर्वाण अष्टांगिक मार्ग चार आर्य सत्य भारत की पहचान एकता और विविधता संवैधानिक आदर्श राजस्थान पर्यटन ऐतिहासिक स्मारक अतीत का महत्व भारतीय पर्यटन स्थानीय अर्थव्यवस्था विरासत संरक्षण इसरो अंतरिक्ष कार्यक्रम आत्मनिर्भरता सामाजिक विकास परंपराएँ अध्यात्म सामाजिक सद्भाव प्रकृति अशोक चक्र सारनाथ स्तंभ भारतीय प्रतीक तिरंगा मूल्य एकता पहचान सत्यमेव जयते नीति निदेशक सिद्धांत स्वतंत्र न्यायपालिका कंचनजंघा पुरस्कार विजेता भारतीय रेल विद्युतीकरण फ्रेट कॉरिडोर आधुनिकीकरण स्थायी विकास चंद्रयान-3 चंद्रमा सॉफ्ट लैंडिंग गौरव लाल किला मुगल वास्तुकला दिल्ली मंगलयान मंगल मिशन PSLV भारतीय रेलवे वंदे भारत समर्पित माल ढुलाई गलियारा भारतीय पहचान जन गण मन विश्व धरोहर भारतीय विरासत एएसआई भारतीय नदियाँ गंगा नदी नदी संरक्षण राष्ट्रीय पहचान गणतंत्र दिवस पूर्ण स्वराज राष्ट्रीय पर्व धार्मिक पर्व भारत की संस्कृति प्राचीन स्मारक सांस्कृतिक धरोहर भारत के राष्ट्रीय प्रतीक राष्ट्रीय एकता प्रतीकात्मक महत्व भारत के दिवस सामाजिक जागरूकता ऐतिहासिक स्मरण यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल सांस्कृतिक स्थल प्राकृतिक स्थल स्थापत्य कला भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम चंद्रयान प्रक्षेपण यान सांस्कृतिक महत्व विविधता सामाजिक सौहार्द विश्व विरासत सांस्कृतिक संरक्षण भारत छोड़ो आंदोलन महात्मा गांधी स्वतंत्रता संग्राम 7 अप्रैल वित्तीय प्रबंधन संसदीय प्रक्रिया भौतिक विज्ञान क्वांटम यांत्रिकी अनिश्चितता सिद्धांत वर्नर हाइजेनबर्ग क्वांटम भौतिकी अस्तित्ववाद जीन-पॉल सार्त्र अल्बर्ट कैमुस सिमोने द बोवोयर दर्शनशास्त्र 20वीं सदी का दर्शन WWW वेब विकास जोहान सेबेस्टियन बाख बैरोक संगीत कीबोर्ड यंत्र ऑर्गन हार्पसीकोर्ड संगीत का इतिहास अनुच्छेद 370 जम्मू और कश्मीर राजनीति विशेष दर्जा 5 अगस्त 2019 साइबर सुरक्षा फ़िशिंग सुरक्षा उपाय डेटा सुरक्षा ऑनलाइन सुरक्षा नियुक्ति ARPANET कंप्यूटर नेटवर्किंग टेक्नोलॉजी सापेक्षता आइंस्टाइन वैज्ञानिक सिद्धांत विज्ञान के सिद्धांत महासभा विश्व शांति इलेक्ट्रिक वाहन सरकारी नीतियाँ विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस प्रेस स्वतंत्रता पत्रकारिता मीडिया स्वास्थ्य नीति नदियाँ नील नदी अमेज़ॅन नदी यांग्त्ज़े नदी मिसिसिपी नदी युद्ध मुगल साम्राज्य ब्रिटिश साम्राज्य सैन्य योगदान भारतीय भाषाएँ भाषा-परिवार भाषा-समूह जानवर स्तनधारी चुनौतियाँ योजना आयोग नीति आयोग राजनीतिक अर्थव्यवस्था अधिकार प्रस्तावना गणराज्य आदर्श शहर आकार मत्स्य पालन जल प्रदूषण लुप्तप्राय प्रजातियाँ वन्यजीव संरक्षण असमानता नीति हीनयान महायान संप्रदाय गांधीजी अहिंसा सत्याग्रह भौगोलिक विविधता मरुस्थल तट जलग्रहण क्षेत्र मैदान भौतिक भूगोल गंगा मैदान थार रेगिस्तान तटरेखा भू-आकृतियाँ CFCs पर्यावरण प्रदूषण पराबैंगनी विकिरण स्टेम सेल थेरेपी भ्रूणीय स्टेम सेल वयस्क स्टेम सेल प्लास्टिसिटी हड़प्पा हरित क्रांति उर्वरक यूरिया तकनीकी टर्बाइन बैटरी ऊर्जा भंडारण लिथियम-आयन लीड-एसिड