भारतीय बौद्ध धर्म के प्रमुख संप्रदाय कौन-कौन से हैं और उनके मुख्य अंतर क्या हैं?
Answer: भारतीय बौद्ध धर्म के दो प्रमुख संप्रदाय हैं: हीनयान और महायान। हीनयान मुख्यतः थेरवाद पर केंद्रित है, जो बुद्ध के मूल शिक्षाओं पर जोर देता है, जबकि महायान बौद्धत्व की अवधारणा और बोधिसत्वों की पूजा पर अधिक जोर देता है।
भारतीय बौद्ध धर्म का उदय लगभग 2500 वर्ष पूर्व महात्मा बुद्ध के उपदेशों से हुआ था। उनके शिक्षाओं ने समाज के सभी वर्गों को आकर्षित किया और धीरे-धीरे यह धर्म पूरे भारत में फैल गया।समय के साथ, बौद्ध धर्म में विभिन्न विचारधाराओं और व्याख्याओं का उदय हुआ जिससे विभिन्न संप्रदायों का विकास हुआ। इनमें से सबसे प्रमुख हैं हीनयान और महायान।हीनयान, जिसे कभी-कभी 'छोटा वाहन' भी कहा जाता है, बुद्ध के मूल उपदेशों पर अधिक जोर देता है। यह संप्रदाय व्यक्तिगत मुक्ति पर केंद्रित है और अरहतत्व की प्राप्ति को सर्वोच्च लक्ष्य मानता है। यह संप्रदाय मुख्यतः दक्षिण-पूर्व एशिया में प्रचलित है।महायान, जिसे 'बड़ा वाहन' भी कहा जाता है, हीनयान से अलग है। यह संप्रदाय बौद्धत्व की अवधारणा पर अधिक जोर देता है, जिसमें सभी प्राणियों को बुद्धत्व प्राप्त करने की क्षमता होती है। इस संप्रदाय में बोधिसत्वों की पूजा और उनकी शिक्षाओं का पालन किया जाता है। महायान मुख्यतः पूर्वी एशिया में फैला हुआ है।इन दो प्रमुख संप्रदायों के अलावा, भारतीय बौद्ध धर्म में अन्य छोटे संप्रदाय भी थे जिनमें अलग-अलग विचारधाराएँ और प्रथाएँ थीं। लेकिन हीनयान और महायान ही सबसे व्यापक और प्रभावशाली रहे हैं।समय के साथ, भारतीय बौद्ध धर्म ने विभिन्न क्षेत्रों में विकास किया, कला, वास्तुकला, दर्शन और साहित्य में योगदान दिया। लेकिन बाद में, हिन्दू धर्म के पुनरुत्थान और विभिन्न राजनीतिक कारणों से, भारत में बौद्ध धर्म का प्रभाव कम होता गया। फिर भी, इसके प्रभाव को दुनिया भर में देखा जा सकता है।
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