भारतीय संविधान के निर्माण में किन-किन प्रमुख चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
Answer: भारतीय संविधान के निर्माण के दौरान, संविधान सभा को धर्म, भाषा, जाति और क्षेत्रीय असमानताओं जैसे कई जटिल मुद्दों से जूझना पड़ा। देश के विभिन्न वर्गों के हितों का समन्वय करना और एक ऐसा दस्तावेज़ तैयार करना जो सभी को स्वीकार्य हो, एक बड़ी चुनौती थी। साथ ही, ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के तुरंत बाद, समय की कमी और संसाधनों की सीमाएँ भी बड़ी बाधाएँ थीं।
भारतीय संविधान का निर्माण एक ऐतिहासिक और जटिल प्रक्रिया थी जिसने देश के विभिन्न वर्गों की आकांक्षाओं और विविधता को समेटने का प्रयास किया। यह प्रक्रिया आसान नहीं थी, क्योंकि संविधान सभा के सामने कई चुनौतियाँ थीं जिनका समाधान उन्हें करना था।सबसे बड़ी चुनौती थी देश की विविधता को ध्यान में रखते हुए एक ऐसा दस्तावेज़ तैयार करना जो सभी के लिए स्वीकार्य हो। धर्म, भाषा, जाति और क्षेत्रीय मतभेदों ने संविधान निर्माण की प्रक्रिया को कठिन बना दिया। प्रत्येक समूह के अपने-अपने हित और चिंताएँ थीं जिन्हें संविधान में समायोजित करना आवश्यक था।संविधान सभा को सांप्रदायिकता और जातिवाद के बढ़ते प्रभावों का सामना करना पड़ा। हिंदू-मुस्लिम संबंधों में तनाव और अलग राष्ट्र के निर्माण की माँग ने संविधान सभा के सामने एक बड़ी चुनौती पेश की। यह सुनिश्चित करना आवश्यक था कि संविधान किसी भी समूह के हितों की कीमत पर न बनाया जाए।स्वतंत्रता प्राप्ति के तुरंत बाद संविधान निर्माण का काम शुरू हुआ, जिससे समय की कमी एक और बड़ी बाधा बन गई। संविधान सभा के सदस्यों को एक सीमित समय-सीमा के भीतर एक विस्तृत और जटिल दस्तावेज़ तैयार करना था। यह काम दिन-रात लगातार प्रयासों से ही संभव हो पाया।संसाधनों की सीमाएँ भी एक चुनौती थी। नए स्वतंत्र राष्ट्र के पास संविधान निर्माण की प्रक्रिया के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं थे। इसलिए, संविधान सभा के सदस्यों को सीमित साधनों के साथ ही काम करना पड़ा।इन सभी चुनौतियों के बावजूद, संविधान सभा ने एक ऐसा संविधान तैयार किया जो भारत की विविधता को दर्शाता है और देश के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करता है। यह संविधान आज भी भारत के शासन और प्रशासन का आधार है।
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